Afghanistan News: अफगानिस्तान से वापस लौटे भारतीय देश वापस आने के बाद बेहद खुश हैं. सब मुस्कुरा रहे हैं. इन लोगों ने बताया कि 15 अगस्त के दिन बहुत ज्यादा डर लग रहा था. हालांकि तालिबानियों ने कुछ कहा नहीं. 38 आदमी फंसे थे. आराम से निकल आए. हमारे कैंप के बाहर तालिबान ने कब्जा किया था लेकिन किसी को कुछ नहीं कहा. लोकल लोग परेशान हैं.


वहीं सभी साथियों को बचाकर गाड़ी चलाकर लाने वाले ड्राइवर ने बताया कि डर लग रहा था. खतरनाक जगह थी लेकिन अपनी टीम को बचाने के लिए आत्मविश्वास बनाए रखा. रास्ते में तालिबान की 2-3 बैरिकेडिंग थी. एक जगह गाड़ी से चाबी मांगने लगे. मुझे हाथापाई की चिंता थी लेकिन कुछ हुआ नहीं. आगे जैसे दिशानिर्देश मिलेंगे वैसा करेंगे. अफसोस है कि वहां का आदमी मर रहा है लेकिन खुद जिंदा वापस आ गए तो खुशनसीब हैं. किस्मत में जो होगा वह होगा. हम तो वापस आ गए. वहां के लोगों के लिए दुआ करेंगे कि वहां सब अच्छा हो. शांति सबके लिए अच्छी है, तालिबान के लिए भी और आम आदमी के लिए भी.


भारत सरकार ने की मदद


नेपाली नागरिक सुमन ने बताया, 'काबुल में जब तक था ठीक-ठाक था. गोलियां चल रही थी. हमें अपनी जान बचानी थी. नेपाली हूं लेकिन भारत सरकार ने मदद की. यहां ले आए. आम आदमी वहां डरा हुआ है. लोग एयरपोर्ट पर भीड़ लगा रहे थे. उनको दूर करने के लिए हवाई फायरिंग हो रही थी. सब लोग बाहर जाने के लिए एयरपोर्ट पर भीड़ लगाकर खड़े हैं. भारत सरकार को धन्यवाद.'


भूतपूर्व फौजी प्रधान ने बताया, 'अपने घर आए हैं तो बहुत खुशी है. काबुल में जितना हल्ला है, वहां उतनी समस्या नहीं है. वह लोग अपना काम कर रहे हैं. किसी को तकलीफ नहीं दे रहे हैं. हम आ रहे हैं, जा रहे हैं, हमें कुछ भी नही कहा. आम आदमी के बीच डर है. वह घर छोड़कर भाग रहा है. तालिबानियों से कोई बातचीत नहीं हुई. उन्होंने फोटो खींचा, जाने को कहा. किसी के ऊपर कोई अत्याचार नहीं किया. कोई जवाब नहीं दिया. पहले का जो माहौल था उसी डर से लोग घर छोड़कर निकलना चाहते हैं. फौजी आदमी किसी से डरता नहीं.'



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