H-1B Visa News: अमेरिका की ओर से एच 1बी वीजा (H-1B) पाने वाले कर्मचारियों की सैलरी आमतौर पर बहुत अधिक होती है. पिछले चार वर्षों में H-1B वीजा के लिए अप्लाई करने वालों में सबसे अधिक सैलरी भारत के लोगों की थी. कुल आवेदन का लगभग 78 फीसदी ऐसे भारतीय थे, जिनका सैलरी प्रति वर्ष 10 लाख से अधिक थी. उनमें 25 फीसदी से ज्यादा महिलाएं थीं. 


ज्यादातर लोग छोटी कंपनी में करते हैं काम


द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक भारत से H-1B वीजा के लिए अप्लाई करने वालों में से करीब 65 फीसदी लोग अमेरिका में छोटी कंपनियों में काम करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक जिन एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई करने वाले आवेदकों की कंपनी का प्रमोटर भारत में भी है, उनकी सैलरी और अधिक है. 


इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने एच-1बी वीजा के नियमों में ढील दी है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों के लिए स्पेशल स्किल वाले विदेशी प्रोफेशनल को नियुक्त करना आसान हो जाएगा और एफ-1 छात्र वीजा को आसानी से एच-1बी वीजा में तब्दील किया जा सकेगा. इस कदम से हजारों भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों को फायदा होने की संभावना है.


अमेरिका ने H-1B वीजा देने का नियम बदला


सबसे अधिक मांग वाला एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी कर्मी को नियुक्त करने की अनुमति मिलती है, जिनमें व्यावसायिक या प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है. प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा पर निर्भर रहती हैं.


होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की ओर से मंगलवार (17 दिसंबर 2024) को घोषित इस नियम का उद्देश्य विशेष पदों, गैर-लाभकारी और सरकारी अनुसंधान संगठनों के लिए परिभाषा और मानदंडों को आधुनिक बनाकर नियोक्ताओं (काम देने वाला) और श्रमिकों को अधिक सुविधा प्रदान करना है.


एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन बदलावों से अमेरिकी नियोक्ताओं को अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार नियुक्तियां करने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिलेगी. डीएचएस के अनुसार, इस नियम में एफ-1 वीजाधारक छात्रों के लिए कुछ सुविधा का भी प्रावधान है, जो अपने वीजा को एच-1बी में बदलना चाहते हैं.


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