यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध के कारण बिगड़े हालातों की गंभीरता को देखते भारतीय नागरिकों को निकालने के सरकारी प्रयासों के बीच कांग्रेस नेताओं ने विदेश मंत्रालय की ओर से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी ली. विदेश मंत्रालय को सलाह देने वाली समिति की गुरुवार को बैठक में कांग्रेसी सांसदों ने कहा कि हम सब के लिए देशहित सर्वोपरि है और हमारे सुझाव सकारात्मक दृष्टिकोण से दिए जा रहे हैं. कांग्रेसी सांसदों ने कहा कि यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर सरकार ने समय से प्रभावी कदम नहीं उठाए. हमें अपने लोगों को यूक्रेन से निकालने के लिए शायद और जल्दी कार्रवाई करनी चाहिए थी.


सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने कहा कि शुरुआत में वहां जो एडवाइजरी जारी की गई, वो भी स्पष्ट होकर भ्रमित कर रही थीं, जिससे ज्यादातर छात्र वहां बने रहे. भारत सरकार को भारत की गुडविल का इस्तेमाल करके दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करनी चाहिए थी ताकि हिंसा रुक पाती. राहुल गांधी ने कहा कि फिलहाल तो हमारी प्राथमिकता यूक्रेन से अपने छात्रों को सुरक्षित निकालना होना चाहिए. 


उन्होंने कहा कि युद्ध की स्थिति हमेशा चुनौतीपूर्ण होती है “there are no perfect solutions in such situations”. उन्होंने हमारे अधिकारियों और मिशन की तारीफ भी की. कांग्रेसी सांसदों ने कहा कि ऐसी युद्ध की स्थिति में हम पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण नहीं अपना सकते. भारत के लिए ये आवश्यक है कि हम निष्पक्ष बने रहें ताकि हमारे लोग सुरक्षित निकल पाएं.


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