नई दिल्ली: देश के पहले कोरोना क्लस्टर आगरा में एक बार फिर इस वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आगरा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 138 हो गई है. आज की जांच रिपोर्ट में 35 नए मामले सामने आए हैं. कल 104 से यह संख्या सीधे 138 हो गई है.
इन मामलों में आगरा के पारस अस्पताल, फतेहपुर सीकरी के गाइड जावेद अली और डॉ प्रमोद मित्तल के संपर्क में आने वालों की बड़ी संख्या है. आज जो पॉजिटिव मामले सामने आए हैं उनमें आठ जमाती हैं. आगरा में कुल 138 मरीजों में 60 जमाती हैं.
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के जिन 15 जिलों के हॉटस्पॉट को पूरी तरह सील करने का फैसला लिया है, उसमें आगरा भी शामिल है.
मालूम हो कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के आगरा मॉडल की तारीफ की थी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि देश का पहला कोरोना क्लस्टर आगरा में ही बना था जिसके बाद आगरा प्रशासन हरकत में आया और यहां बने हॉटस्पॉट को खत्म किया. इसके लिए स्मार्ट सिटी के लिए बनाए गए वॉररूम को कोरोना वॉर रूम में तब्दील किया गया और सख्त कंटेनमेंट प्लान और लॉक डाउन यहां लागू किया गया.
कैसे हॉटस्पॉट की ट्रेसिंग की गई
आगरा में पहला मामला कहां से आया सबसे पहले ये जाने के लिए प्रशासन इसमें जुट गया. जिसके बाद प्रशासन को पता चला 25 फरवरी वो पहला संक्रमित शख्स इटली से दिल्ली में आया. उसी दिन वो व्यक्ति दिल्ली से आगरा अपने घर और फैक्ट्री गया. यही दिनचर्या उसकी रोज़ की थी. 28 और 29 फरवरी को वो संक्रमित व्यक्ति रेस्टोरेंट और फैक्ट्री गया. उसके बाद अगले दो दिन घर पर रहने के बाद वो 2 मार्च को अस्पताल गया जहां वो कोरोना वायरस से संक्रमित है ये बात पता चली. कुछ इस तरह से क्लस्टर वाले इलाकों में आगरा प्रशासन ने कांटेक्ट ट्रेसिंग की और तुरंत कंटेनमेंट प्लान तैयार किया. संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क आए सभी लोगों को क्वारांटीन किया गया.
कंटेनमेंट प्लान
इसके बाद से आगरा प्रशासन ने तुरंत कंटेनमेंट प्लान लागू किया. संक्रमित व्यक्ति जिस जगह रहता था उसके 3 किलोमीटर के दायरे को कंटेनमेंट एरिया मार्क किया गया. वहीं उसके 5 किलोमीटर बाहर के दायरे को बफर जोन. तुरंत 1248 टीम बनाई गई जिसमें एएनएम और आशा वर्कर्स के साथ मेडिकल स्टाफ शामिल किया गया. इन मेडिकल टीम ने 165060 घरों में जाकर 930651 लोगों की स्क्रीनिंग और चेकिंग की. जिसमें से 2500 लोगों में खासी जुकाम और बुखार के लक्षण दिखाई दिए. जिसमें से 36 लोग हाल में विदेश यात्रा से लौटे थे. इन सभी लोगों को और अनटीन और आइसोलेशन में रखा गया.
आगरा प्रशासन ने हर संभव कोशिश की ताकि कोरोना का संक्रमण ना फैले. लगातार बढ़ते मामलों को देखते ही पूरा प्रशासन हरकत में आया और देश में सबसे पहले सामने आए क्लस्टर को रोका. लेकिन एक बार फिर आगरा में बढ़ रहे मामले प्रशासन की मुश्किल बढ़ा सकते हैं.