IAC Vikrant Trials: देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, विक्रांत इस महीने के अंत तक भारतीय नौसेना (Indian Navy) को मिल जाएगा. इससे पहले रविवार को विक्रांत अपने चौथे और आखिरी चरण के समुद्री-ट्रायल पूरे कर कोच्चि हार्बर लौट आया. इस ट्रायल के दौरान विक्रांत (IAC Vikrant) के हथियार, सिस्टम और एविएशन फैसेलिटी कॉम्पेलक्स के परीक्षण किए गए. भारतीय नौसेना ने इन ट्रायल की तस्वीरें भी जारी की जिसमें पहली बार मिग-29-के फाइटर जेट, एएलएच और कामोव हेलीकॉप्टर विक्रांत के डेक पर खड़े दिखाए दिए.
गौरतलब है कि अगले महीने यानि अगस्त में जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मनाएगा तक विक्रांत की नौसेना में कमिश्निंग सेरेमनी की जाएगी. इसी के साथ भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रांत अगले महीने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो जाएगा. इस दूसरे विमानवाहक युद्धपोत से समंदर में भारत की ताकत में एक बड़ा इजाफा हो जाएगा. इसके साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है जिनके पास एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की क्षमता है.
इंडियन नेवी की बढ़ेगी ताकत
मंगलवार को भारतीय नौसेना के सह-प्रमुख (वाइस चीफ), वाइस एडमिरल एस एन घोरमाडे ने बताया कि इंडिजिनेस एयरक्राफ्ट कैरियर (आईएसी) विक्रांत 15 अगस्त के करीब पूरी तरह से तैयार होकर इंडियन नेवी के जंगी बेड़े में शामिल हो जाएगा. इस साल 15 अगस्त पर देश आजादी का अमृत महोत्सव बना रहा है. ऐसे में देश का सबसे ताकतवर जंगी जहाज, आईएसी विक्रांत भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएगा. नौसेना में शामिल होने पर आईएसी विक्रांत को आईएनएस (इंडियन नेवल शिप) विक्रांत के नाम से जाना जाएगा.
ये लड़ाकू विमान विक्रांत पर होंगे तैनात
मंगलवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वाइस एडमिरल घोरमाडे ने बताया कि विक्रांत पर तैनात करने के लिए हाल ही में फ्रांस के रफाल (मेरीटाइम) और अमेरिका के एफ-18 होरनेट के ट्रायल भी गोवा स्थित नेवल एविएशन बेस पर किए गए थे. दोनों फाइटर जेट के ट्रायल की रिपोर्ट आने के बाद ये तय किया जाएगा कि इन दोनों में से कौन सा लड़ाकू विमान विक्रांत पर तैनात किया जाएगा. वाइस चीफ के मुताबिक, डीआरडीओ भी स्वेदशी टूइन इंजन डेक बेस्ट फाइटर यानि टीईडीबीएफ पर काम कर रही है. जबतक टीईडीबीएफ बनकर तैयार नहीं हो जाता तबतक रफाल या फिर एफ-18 में से कोई एक इस पर तैनात किया जाएगा. इसके अलावा भारतीय नौसेना के दूसरे एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात होने वाले रुसी फाइटर जेट, मिग-29के भी विक्रांत पर तैनात किए जा सकते हैं.
ये हैं विमान-वाहक युद्धपोत विक्रांत की खूबियां
दरअसल, किसी भी विमान-वाहक युद्धपोत की ताकत होती है उसपर तैनात किए जाने वाले लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर. समंदर में एयरक्राफ्ट कैरियर एक फ्लोटिंग एयरफील्ड के तौर पर काम करता है. उसपर तैनात फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर कई सौ मील दूर तक समंदर की निगरानी और सुरक्षा करते हैं. दुश्मन का कोई युद्धपोत तो क्या पनडुब्बी तक भी उसके आसपास फटकने की हिम्मत नहीं करती है. विक्रांत की टॉप स्पीड 28 नॉट्स है और ये एक बार में 7500 नॉटिकल मील की दूरी तय कर सकता है. इसपर तैनात फाइटर जेट्स भी एक-दो हजार मील की दूरी तय कर सकते हैं.
दो फुटबॉल ग्राउंड से भी बड़ा विक्रांत
पिछले साल यानि 2021 में जब विक्रांत पहला समुद्री-ट्रायल पूरा कर कोच्चि हार्बर पहुंचा था तो एबीपी न्यूज की टीम विक्रांत पर ऑन-बोर्ड कवरेज के लिए पहुंची थी. किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर की ताकत उसका फ्लाईट-डेक होता है यानि उसका रनवे. यही वजह है एबीपी न्यूज की टीम सबसे पहले विक्रांत के रनवे पर पहुंची थी. करीब 262 मीटर लंबा है विक्रांत यानि दो फुटबॉल ग्राउंड से भी बड़ा है. विक्रांत की चौड़ाई है करीब 62 मीटर और ऊंचाई है 50 मीटर. एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक भारत के स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर पर करीब 30 फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर तैनात होंगे. इन 30 एयरक्राफ्ट्स में 20 लड़ाकू विमान होंगे और 10 हेलीकॉप्टर.
क्या है आईएसी विक्रांत का मोटो?
विक्रांत पर जो रोटरी विंग एयरक्राफ्ट्स होंगे, उनमें छह एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर्स होंगे, जो दुश्मन की पनडुब्बियों पर खास नजर रखेंगे. भारत ने हाल ही में अमेरिका से ऐसे 24 मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर, एमएच-60आर यानि रोमियो हेलीकॉप्टर का सौदा किया है. इनमें से दो रोमियो हेलीकॉप्टर भारत को मिल भी गए हैं. इसके अलावा दो टोही हेलीकॉप्टर और दो ही सर्च एंड रेस्क्यू मिशन में इस्तेमाल किए जाने वाले होंगे. स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत (IAC Vikrant) का मोटो यानि आदर्श वाक्य है, 'जयेम सम युधि स्पृधा:'. ऋगवेद से लिए गए इस सूक्ति का अर्थ है अगर कोई मुझसे लड़ने आया तो मैं उसे परास्त करके रहूंगा.
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