Kolkata Metro: देश की सबसे पुरानी मेट्रो सेवा कोलकाता मेट्रो ने इतिहास रच दिया. भारत में पहली बार किसी मेट्रो ने नदी के नीचे रफ्तार भरी है. ट्रेल रन हावड़ा से कोलकाता में एस्प्लेनेड तक आयोजित किया गया था क्योंकि मेट्रो ने हुगली नदी के नीचे अपनी यात्रा की थी. कोलकाता मेट्रो के महाप्रबंधक पी उदय कुमार रेड्डी ने इस दौड़ को कोलकाता शहर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया.
उदय कुमार रेड्डी ने कहा कि यह पहली बार है कि एक ट्रेन हुगली नदी के नीचे चली गई है. यह 33 मीटर की गहराई पर सबसे गहरा स्टेशन भी है. भारत में पहली बार ऐसा हुआ है. यह कोलकाता शहर के लिए ऐतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा कि हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक ट्रायल रन अगले 7 महीनों तक चलेगा. इसके बाद इसे लोगों के लिए नियमित रूप से शुरू कर दिया जाएगा.
45 सेकंड में 520 मीटर की दूरी
उम्मीद है कि इस साल हावड़ा-एस्प्लेनेड खंड पर कमर्शियल सेवाएं शुरू हो जाएंगी. मेट्रो ने 45 सेकंड में हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की दूरी तय की. नदी के नीचे यह सुरंग नदी तल से 32 मीटर नीचे है. यह सेक्शन कोलकाता के आईटी हब साल्ट लेक में हावड़ा मैदान और सेक्टर V को जोड़ने वाले ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का हिस्सा है. यह परियोजना कोलकाता मेट्रो की नॉर्थ-साउथ लाइन के एस्प्लेनेड स्टेशन को हावड़ा और सियालदह में भारतीय रेलवे स्टेशनों से जोड़ेगी.
यह विकास कोलकाता मेट्रो (Kolkata Metro) के लिए एक और मील का पत्थर है क्योंकि यह देश का पहला मेट्रो रेलवे भी था, जो 1984 में कोलकाता में शुरू हुआ था. इसके बाद राजधानी दिल्ली ने 2002 में मेट्रो सेवाओं की पेशकश शुरू की थी.
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