India's Foreign Minister On Russian Oil: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar ) ने दुनिया के देशों को ये साफ कर दिया है कि रूस से तेल खरीदना उनका नैतिक कर्तव्य और दायित्व है. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने देश की जरूरतों को पहले ध्यान में रखना है और उसके मुताबिक फैसला करना है.
विदेश मंत्री (Foreign Minister) जयशंकर ने कहा कि यूरोप मध्य पूर्व और अन्य दूसरे सोर्स से तेल खरीद रहा है तो भारत को भी सबसे अच्छा सौदा पक्का करने का हक है. विदेश मंत्री ने बैंकॉक (Bangkok) में 16 अगस्त को भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में रूस से तेल खरीदने के अपने रूख को साफ किया.
यूक्रेन-रूस की जंग से भारत के फैसले पर ऐतराज
यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) के मद्देनजर भारत की रूस से तेल खरीदने के फैसले की आलोचना की जा रही है. इस फैसले पर ऐतराज जताने वालों को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खरा जवाब दिया है. उन्होंने भारत (India)के इस कदम को पूरी तरह से ठहराया है. विदेश मंत्री जयशंकर ने बैंकॉक में भारतीय समुदाय के संग बातचीत के दौरान कहा कि हर देश बढ़ती ऊर्जा की कीमतों को कम करने के लिए सबसे अच्छा और मुफीद सौदा पक्का करने की कोशिश करेगा और भारत ठीक ऐसा ही कर रहा है.
सवाल हैं भारत की तेलआपूर्ति का
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि तेल (Oil) और गैस (Gas) की कीमतें असंगत रूप से अधिक हैं. बहुत सारे पारंपरिक आपूर्तिकर्ता यूरोप (Europe) की ओर रुख कर रहे हैं क्योंकि यह महाद्वीप रूस से कम तेल खरीद रहा है. विदेश मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, "यूरोप मध्य पूर्व और अन्य जगहों से बहुत अधिक तेल खरीद रहा है, ऐसे में भारत को सप्लाई कौन करेगा.' उन्होंने कहा, "आज यह स्थिति है जहां हर देश अपने नागरिकों के लिए स्वाभाविक तौर पर सबसे अच्छा सौदा करने की कोशिश करेगा और बढ़ती ऊर्जा की कीमतों के असर को कम करने की हर संभव कोशिश करेगा, ठीक यही हम भी कर रहे हैं."
देश अपने हितों के लिए खुला और ईमानदार
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया के देशों को साफ कर दिया है कि भारत अपने बचाव (Defensive Way) ये फैसला नहीं लिया. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा ही अपने हितों के मामले में खुला और ईमानदार रहा है. भारतीय की आबादी बढ़ी हुई ऊर्जा कीमतों (High Energy Prices) को वहन नहीं कर सकती है. जयशंकर ने कहा,"मेरे पास 2000 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय वाला देश है. ये वे लोग नहीं हैं जो ऊर्जा की बढ़ी कीमतों को वहन कर सकते हैं. ऐसे में यह पक्का करना मेरा दायित्व और नैतिक कर्तव्य है कि मैं उन्हें सबसे अच्छी डील करके दूं."
उन्होंने कहा कि अमेरिका (America) सहित बाकि देश भारत की इस स्थिति से अच्छे से वाकिफ हैं और वह इस मामले पर गतिरोध को तवज्जो न देते हुए भारत का साथ देंगे. गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार विदेश मंत्री सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर भारत के रूस से तेल आयात करने के फैसले के बचाव में आए हैं.
अप्रैल में अमेरिका में उन्होंने कहा था कि रूस से एक महीने में भारत की तेल खरीद शायद यूरोप की तुलना में कम है. ये बात उन्होंने अप्रैल में अमेरिका में हुई टू प्लस टू (2+2) मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान कही थी. रॉयटर्स के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में रूस के यूक्रेन पर अटैक के बाद से भारत की रूस से तेल खरीद जून में लगभग 950,000 बैरल प्रति दिन के रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ गई थी.
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