एक्सप्लोरर
Advertisement
मोदी सरकार के लिए गुड न्यूज़: UN ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को सकारात्मक बताया
वहीं साल 2018 में हिंदुस्तान का राजकोषीय घाटा 3.2 तक सीमटने का आंकलन संयुक्त राष्ट्र ने किया है
नई दिल्ली: गुजरात में दूसरे चरण के मतदान से पहले मोदी सरकार के लिए एक राहत देने वाली खबर आई है. नोटबंदी और जीएसटी के बाद विकास दर को विपक्ष ने मुद्दा बनाया था. लेकिन इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को सकारात्मक बताया है. यूएन ने साल 2018 में भारत की विकास दर 7.2 और 2019 में 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
बता दें कि यूएन ने दुनिया की अर्थव्यवस्था पर रिपोर्ट जारी की है और इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि जबर्दस्त निजी उपभोग, सार्वजनिक निवेश और संरचनात्मक सुधारों के कारण साल 2018 में भारत की विकास दर वर्तमान के 6.7 फीसदी से बढ़कर 7.2 फीसदी हो जाएगी और ये विकास दर साल 2019 में 7.4 फीसदी तक पहुंचेगी.
वहीं साल 2018 में हिंदुस्तान का राजकोषीय घाटा 3.2 तक सीमटने का आंकलन संयुक्त राष्ट्र ने किया है
‘वर्ल्ड इकोनोमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट 2018’ रिपोर्ट जारी करते हुये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) ने कहा है कि कुलमिला कर दक्षिण एशिया के लिए आर्थिक परिदृश्य बहुत अनुकूल नजर आ रहा है और उल्लेखनीय मध्यम अवधि की चुनौतियों के बावजूद अल्पावधि के लिए स्थिर है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी खपत और व्यापक आर्थिक नीतियों से मजबूती मिलने के कारण दक्षिण एशिया में आर्थिक परिदृश्य अब भी बहुत स्थिर और अनुकूल है.
यह भी पढ़ें-
गुजरात में आज थमेगा चुनाव प्रचार, सी प्लेन में सवार होकर अंबाजी मंदिर जाएंगे पीएम मोदी
‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ के खेल में फंस गयी है कांग्रेस, 18 दिसंबर को देखेगी आखिरी एपिसोड: पीएम मोदी
मनमोहन के वार पर सरकार का पलटवार, राष्ट्रीय नीति के उल्लंघन के लिए माफी मांगे
अमित शाह ने जिग्नेश मेवाणी पर 'आतंकी संगठन' से चंदा लेने का आरोप लगाया
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
क्रिकेट
बॉलीवुड
Advertisement
प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
Opinion