नई दिल्ली: यूएनएससी में चर्चा के दौरान भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चिंता जतायी. टीएस तिरुमूर्ति का कहना है कि अफगानिस्तान में स्थिति अब भी बेहद नाजुक बनी हुई है. ये पड़ोसी देश और उनके मित्र देशों के लिए सीधी चिंता का विषय है.


संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, जैसा कि पिछले महीने काबुल एयरपोर्ट पर हुए निंदनीय आतंकवादी हमले से देखा गया है, आतंकवाद अफगानिस्तान के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि इस संबंध में ली गई प्रतिबद्धताओं का सम्मान किया जाए और उनका पालन किया जाए. यूएनएससीआर 2593 ने तालिबान के इस बयान पर भी ध्यान दिया कि अफगान बिना किसी बाधा के विदेश यात्रा कर सकेंगे. हमें उम्मीद है कि इन प्रतिबद्धताओं का पालन किया जाएगा, जिसमें अफगानों और सभी विदेशी नागरिकों के अफगानिस्तान से सुरक्षित, सुरक्षित और व्यवस्थित प्रस्थान शामिल है.


"आतंकवाद के लिए अफगान जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देंगे"
टीएस तिरुमूर्ति ने दो टूक कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, हमने पिछले महीने के दौरान अफगानिस्तान की स्थिति में नाटकीय बदलाव देखा है. सुरक्षा परिषद ने अगस्त में तीन बार बैठक की और मौजूदा स्थिति पर चर्चा की. अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश को धमकाने, हमला करने, आतंकवादियों को पनाह देने या आतंकवादी गतिविधि की योजना बनाने और अपनी आय बढ़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.


वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तालिबान के साथ ‘बातचीत’ की वकालत की. न्यूज़ एजेंसी एएफपी ने यूएन महासचिव के बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा कि हमें तालिबान के साथ ‘बातचीत’ करनी चाहिए और ‘लाखों मौतों’ को रोकना चाहिए.


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