(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
चीन के कब्जे वाले तिब्बत के ऊपर से गुजरा भारत का जासूसी सैटेलाइट ‘कौटिल्य’, चीनी आर्मी की पोजिशन के इनपुट जुटाए
जासूसी सैटेलाइट ‘कौटिल्य’ ने चीन के कब्जे वाले तिब्बत के ऊपर से गुजरते हुए चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के ठिकानों की अच्छी टोह ली है.भारत और चीन के बीच बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकलने के एक दिन बाद सैटेलाइट तिब्बत के ऊपर से गुजरा है.
नई दिल्ली: पड़ोसी देश चीन से सीमा विवाद के बीच भारत का जासूसी सैटेलाइट ‘कौटिल्य’ चीन के कब्जे वाले तिब्बत के ऊपर से गुजरा है. सूत्रों के मुताबिक इस खबर के आने के बाद से चीन में हड़कंप मचा हुआ है. ‘द वॉल्फपैक’ नाम के ट्विटर हैंडल ने ‘कौटिल्य’ सैटेलाइट के रूट की तस्वीरें शेयर की हैं. इस सैटेलाइट को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा संचालित किया जाता है.
‘कौटिल्य’ ने पीएलए के ठिकानों की टोह ली
भारत के प्रमुख खुफिया उपग्रह ने चीन के कब्जे वाले तिब्बत के ऊपर से गुजरते हुए चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के ठिकानों की अच्छी टोह ली है. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि उपग्रह कौटिल्य, जो एक एलईएनटी (इलेक्ट्रॉनिक खुफिया) पैकेज वाला है, जिसकी "क्षमता सैन्य उद्देश्यों के लिए उच्च-गोपनीय ऑपरेशन और पहलुओं को बारीकी से संरक्षित करने की है, शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के पास चीनी कब्जे वाले तिब्बत में पीएलए के ठिकानों के ऊपर से गुजरा."
कौटिल्य हर इलैक्ट्रोनिक सिग्नल पकड़ने में माहिरIndian ELINT satellite EMISAT carries out a pass over PLA positions in occupied Tibet near Arunachal border. pic.twitter.com/IjsCBwS7SX
— The Wolfpack???? (@TheWolfpackIN) July 25, 2020
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा निर्मित, यह उपग्रह रेडियो संकेतों की निगरानी करता है जो कि दुश्मन के क्षेत्र में ट्रांसमिशन के सभी स्रोतों की प्रकृति और स्थान का निर्धारण करने के लिए उपयोग किया जाता है. भारत और चीन के बीच लद्दाख में एलएसी पर जारी गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकलने के एक दिन बाद सैटेलाइट तिब्बत के ऊपर से गुजरा है.
सूत्रों ने बताया कि देपसांग सेक्टर में चीनी सैनिक तैनात किए गए हैं, क्योंकि सैनिकों को एलएसी के उनके हिस्से में खुदाई करते हुए देखा जा सकता है. पीएलए ने 2013 में भी देपसांग में घुसपैठ की थी. शुक्रवार को, सूत्रों ने कहा, भारतीय रडार टोही उपग्रह आरआईएसएटी-2बीआरआई जिबूती में चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी बेस (पीएलएएन) के ऊपर से गुजरा था. यह अड्डा पीएलएएन का पहला विदेशी सैन्य अड्डा है, जिसे भारी लागत पर बनाया गया है. हाल ही में, खबरें आई थीं कि तीन चीनी युद्धपोत जिबूती तट के पास तैनात हैं.
हालांकि भारत और चीन लद्दाख गतिरोध पर बातचीत में लगे हुए हैं, लद्दाख और कश्मीर में अटकलें हैं कि पाकिस्तान और चीन आने वाली सर्दियों के दौरान भारत के खिलाफ दो-मोर्चे की लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं.
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