नई दिल्ली. पुलवामा आंतकी हमले पर पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करने की कवायद में भारत ने अबकी बार पुख्ता प्लान बनाया है. आतंकवाद पर पाकिस्तान की मुकम्मल घेराबंदी की इस योजना में जहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में पाकिस्तान को आतंकी पनाहगाह के तौर पर पहचान दिलाने की योजना है. वहीं आतंकवाद पर कार्रवाई की जवाबदेही के लिए भरपूर आंच बनाए रखने की भी तैयारी है. साथ ही भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर फिर कोई आतंकी हमला होता है तो जवाबी कार्रवाई के सभी विकल्प सरकार के हाथ में हैं.


सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तन पर कूटनीतिक दबाव कारगर साबित हुआ है और इस्लामाबाद से बार-बार आ रहे गुमराह करने वाले बयान इसकी तस्दीक भी करते हैं. पाकिस्तान जानबूझकर भारत के सैन्य रूप से आक्रामक होने की तस्वीर बना रहा है जबकि हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है. सूत्रों का दो-टूक कहना है कि अगर भारत के खिलाफ फिर कोई हमला होता है तो सरकार के पास कार्रवाई के सभी विकल्प मौजूद हैं.


एफ-16 पर पाकिस्तानी झूठ बेपर्दा करने की कवायद
सरकार के वरिष्ठ सूत्र बताते हैं पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत ने अमेरिका से उस AMRAM मिसाइल की तस्वीरें औऱ सूचनाएं साझा की हैं जो एफ-16 लड़ाकू विमान से फायर की गई थी. पाकिस्तान की तरफ से 27 फरवरी को हुई आक्रामक कार्रवाई के बाद AMRAM मिसाइल का यह टुकड़ा भारतीय इलाके से बरामद हुआ था. भारत ने अमेरिका से इस बारे में जांच करने को कहा गया है. सूत्रों के अनुसार अमेरिका को दी गई जानकारी में बरामद मिसाइल टुकड़े पर लिखे सीरियल नंबर और कंपनी नाम जैसी सूचनाएं शामिल है. इन जानकारियों के सहारे अमेरिका के लिए यह पता लगाना आसान है कि संबंधित मिसाइल कब और किसने खरीदी थी.


पाकिस्तानी आतंक पर कील ठोंकने की तैयारी
पाक की कूटनीतिक घेराबंदी के लिए भारत ने जैश-ए-मोहम्मद पर तैयार डोजियर की प्रति अपने सभी दूतावासों को भेजी है. साथ ही सभी राजदूतों से कहा गया है कि वो इसे संबंधित देशों में साझा करें. इसके अलावा जैश सरगना मसूद अजहर का नाम आतंकी सूची में डलवाने के लिए भारत न केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य देशों के साथ लगातार संपर्क में है बल्कि उसने यूएन के सभी देशों को भी इस बारे में दबाव बनाने के लिए संपर्क किया है. सूत्रों के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में किसी भी सदस्य देश के पास फ्रांस-अमेरिका और ब्रिटेन की तरफ से मसूद के खिलाइ दिए प्रस्ताव का विरोध करने के लिए 13 मार्च तक की मियाद है. यदि कोई आपत्ति नहीं आती है तो उसे आतंकियों की यूएन लिस्ट में डालने की कवायद शुरु हो जाएगी. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका, फ्रांस, और ब्रिटेन ने दूसरी बार आतंकी मसूद अजहर को आतंकी सूची में शामिल कराने के लिए प्रस्ताव दिया है.


इसके अलावा भारत ने आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान की आर्थिक नकेल कसने के लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स में भी नाकेबंदी मजबूत करना शुरु कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक भारत ने एफएटीएफ की ग्रे-लिस्ट में मौजूद पाकिस्तान के आर्थिक पैमाने पर उठाए जा रहे कदमों की जमीनी हकीकत को भी सूचीबद्ध करना शुरु कर दिया है. सूत्र बताते हैं कि वित्त औऱ विदेश मंत्रालयों को इस बारे में उन सभी बिंदुओं पर पाकिस्तान की तरफ से सुधार के कदमों की जमीनी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है जिनपर FATF नियमों के तहत पाक को काम करना है. भारत जून 2019 में होने वाली अगली बैठक से पहले अपनी इस रिपोर्ट को FATF के सभी 36 देशों के साथ भी साझा करेगा.


सूत्रों के मुताबिक इस बार योजना तैयार की गई है कि आतंकवाद पर पाकिस्तान केवल कार्रवाई का बयान या भरोसा देकर बच न पाए. पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई न किए जाने तक भारत यह मुद्दा उठाता रहेगा. पाक को बेनकाब करने की कड़ी में भारत पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बीबीसी और सीएनएन को दिए हालिया साक्षात्कारों को भी हथियार बना रहा है जिसमें शाह महमूद कुरैशी ने खुद स्वीकार किया है कि मसूद अजहर न केवल उनके देश में है बल्कि 'सरकार में कुछ लोग' उसके संपर्क में भी हैं. सूत्रों के मुताबिक सभी देशों को यह बताया जा रहा है कि यह भारत-पाकिस्तान का मुद्दा नहीं है बल्कि आतंकवाद से लड़ाई का समला है.


पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर हाल में आए बयानों और जैश के मदरसों को सरकारी कब्जे में लेने के कदम को भी भारतीय खेमा खारिज कर रहा है. इस बारे में पूछे जाने पर सरकार के वरिष्ठ सूत्रों का कहना था कि अगर नया पाकिस्तान औऱ नई सोच है तो आतंकवाद के खिलाफ नई कार्रवाई भी करो. सूत्र कहते हैं अभी तक पाकिस्तान की तरफ से आए बयानों में अपने बचाव की पेशबंदी और भ्रम ही नजर आ रहा है.


इमरान ने नहीं किया मोदी को कोई फोन
सरकार के वरिष्ठ सूत्र पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान की भी पोल खोलते हैं जिनमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने कई बार भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी से संपर्क करने का प्रयास किया मगर बात नहीं हो पाई. सूत्रों के मुताबिक पाक प्रधानमंत्री की तरफ से भारतीय पीएम को न तो कोई फोन किया गया और न ही संपर्क करने का कोई प्रयास.


मध्यस्थता का न प्रस्ताव और न सवाल
सीमा तनाव के बीच पाकिस्तान बार बार तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर शोर मचा रहा है. हालांकि वरिष्ठ सरकारी सूत्रों के मुताबिक अभी तक किसी भी देश ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की न तो कोई पहल की है और न ही इसकी कोई गुंजाइश है. भारत 1972 के शिमला समझौते के समय से कहता आया है कि यह दोनों पक्षों के बीच का ही मामला है.


महत्वपूर्ण है कि भारत ने 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान पर लगातार कूटनीतिक दबाव बनाए हुए है. इस कड़ी में भारत की कोशिश पाकिस्तान को हर अहम मंच पर आतंकवाद के मुद्दे पर घेरने की है. इस कड़ी में भारतीय खेमा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य देशों के राजनयिकों के साथ भी बराबर सूचनाएं साझा कर रहा है.


पाकिस्तान के झूठ को बेपर्दा करते 5 सवाल


1. नहीं गिरा भारत का कोई सुखोई-30: पाकिस्तान अपने सैन्य कार्रवाई में किए दावों के विपरीत अभी तक इसका कोई सबूत नहीं दे सका है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय वायुसेना के पास अपने सभी सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान मौजूद हैं. यदि पाकिस्तान के पास इसके सबूत हैं तो वो सामने क्यों नहीं रख रहा?


2. भारतीय नौसैनिक पनडुब्बी की मौजूदगी का वीडियो पुरानाः पाकिस्तानी मीडिया में भारतीय नौसैनिक पनडुब्बी की मौजूदगी का जो वीडियो चलाया गया वह यूट्यूब पर ही 18 नवंबर 2016 से उपलब्ध है. आखिर पाकिस्तान पुराने वीडियो के सहारे क्यों पाकिस्तानी आवाम को गुमराह कर रहा है?


3. भारत और इजराइल करेंगे साझा हमला- पाकिस्तान की तरफ से बार-बार यह शोर मचाया जा रहा है कि भारत अथवा भारत औऱ इजराइल मिलकर हमला करना चाहते हैं. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान लगातार सैन्य टकराव का रंग घोलने की कोशिश कर रहा है और अपने लोगों को एक झूठे भय में रखने में जुटा है. आखिर पाकिस्तान युद्ध का शोर क्यों मचा रहा है?


4. एफ-16 और उससे दागी गई मिसाइल- पाकिस्तान 27 फरवरी 2019 को हुए टकराव में गिरे एफ-16 लड़ाकू विमान पर सच नहीं बोल रहा है. सूत्र


5. अगर 4 पेड़ और एक कौव्वा मरा तो कार्रवाई क्यों?- सूत्रों के मुताबकि अपने बयानों को बार बार बदल रहा पाकिस्तान आखिर यह क्यों नहीं बता रहा कि यदि वाकई में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में चार पेड़ और एक कौव्वा मरा है तो फिर उसने जवाबी कार्रवाई क्यों की? साथ ही उसने आतंरराष्ट्रीय मीडिया को अभी तक उस जगह जाने की इजाजत क्यों नहीं दी है जहां भारत ने बम गिराए थे.


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