जल्द बनकर तैयार होगी स्पेशल ऑपरेशन्स डिवीजन, तीनों सेनाओं के कमांडो ने गुजरात में पूरा किया अभ्यास
इस तरह की ज्वाइंट एसएफ कमान अमेरिका में भी है जिसे 'ज्वाइंट स्पेशल ऑपरेशन्स कमान' के नाम से जाना जाता है. माना जा रहा है कि भारत में भी निकट भविष्य में एएफएसओडी को एक पूरी कमान में बदल दिया जाएगा.
नई दिल्ली: भारत की स्पेशल ऑपरेशन्स डिवीजन जल्द बनकर तैयार होने वाली है. तीनों सेनाओं के स्पेशल फोर्स कमांडोज़ को मिलाकर बनाई इस आर्मर्ड फोर्सेज़ स्पेशल ऑप्स डिवीजन यानि एएफएसओडी (AFSOD) ने अपनी पहली एक्सरसाइज गुजरात में पूरी कर ली है. इस एक्सरसाइज से तीनों सेनाओं यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना के स्पेशल फोर्स कमांडोज़ ने एक साथ मिशन को अंजाम देने का युद्धभ्यास किया. इससे तीनों सेनाओं के एसएफ कमांडोज़ ने बेहतर समन्वय के साथ किसी ऑपरेशन को बखूबी पूरा करने का अभ्यास किया.
जानकारी के मुताबिक, ये एएफएसओडी डिव देश की 'क्रैक यूनिट' की तरह काम करेगी जो देश के अंदर या दुश्मन-देश की धरती पर जाकर भी ऑपरेशन्स करने के लिए तैयार की गई है. आपको बता दें कि हाल ही में सरकार ने तीनों सेनाओं के एकीकरण और बेहतर समन्वय के लिए तीन नई 'ट्राई-सर्विस' एजेंसियों के गठन की घोषणा की थी. इनमें से एक एएफएसओडी है जबकि बाकी दो हैं डिफेंस साइबर एजेंसी और स्पेस एजेंसी.
तीनों एजेंसियों का प्रमुख एक टू-स्टार मेजर जनरल रैंक के अधिकारी को बनाया गया है. एएफएसओडी का चीफ थलसेना होगा जबकि साइबर की जिम्मेदारी नौसेना के रियर एडमिरल की होगी और स्पेस एजेंसी की वायुसेना के एयर वाइस मार्शल रैंक के अधिकारी के पास.
एएफएसओडी में कुल 2000 एसएफ कमांडोज़ हैं. इनमें से थलसेना की पैरा-एसएफ के करीब एक हजार कमांडो हैं और बाकी एक हजार नौसेना के मारकोस (यानि मरीन) कमांडो और वायुसेना के गरूण कमांडो हैं. एएफएसओडी की कमान फिलहाल मेजर जनरल अशोक ढींगरा के पास है.
इन तीनों ट्राई सर्विसेज़ की कमान रक्षा मंत्रालय के अधीन इंटीग्रेटेड डिफेंस हेडेक्वाटर्स के पास है. लेकिन माना जा रहा है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानि सीडीएस के बनने के बाद ये तीनों ट्राई सर्विस एजेंसियां उनके अधीन हो जायेंगी. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से देश में सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) बनाने की घोषणा की थी.