नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन से चल रही तनातनी के बीच भारत ने स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर एलसीएच को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात किया है. शुरूआत में दो लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर्स को एलएसी पर तैनात किया गया है. खास बात ये है कि एलसीएच हेलीकॉप्टर्स को अभी तक वायुसेना में विधिवत तरीके से शामिल नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें लद्दाख में एयर-स्पेस की सुरक्षा में लगा दिया गया है.


देश के पहले स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर, एलसीएच (लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर) को हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने तैयार किया है. एचएएल ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि “सरहद पर चल रहे मौजूदा हालत के मद्देनजर, दो एलसीएच हेलीकॉप्टर्स को लेह सेक्टर के हाई-आल्टिट्यूड इलाकों में भारतीय वायुसेना के मिशन्स की मदद के लिए तैनात किया गया है.”


रक्षा मंत्रालय इन 15 हेलीकॉप्टर्स के सौदे को मंजूरी दे सकता है


आपको बता दें कि लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर्स की तैनाती, हाल ही में सह-वायुसेना प्रमुख (एयर वाइस चीफ) एयर मार्शल एच एस अरोड़ा द्वारा एक ऐसे ही एलसीएच हेलीकॉप्टर के हाई आल्टिट्यूड लोकेशन से टेक-ऑफ कर फॉरवर्ड एरिया में अटैक करने की ‘सिम्युलेट’ करने के बाद किया गया है. रक्षा मंत्रालय ने कुछ समय पहले वायुसेना और थलसेना के लिए 15 एलसीएच हेलीकॉप्टर्स की मंजूरी दी थी. इसके लिए आरएफपी यानि रिक्यूसेट फॉर प्रोपोज़ल भी जारी कर दिया गया था (10 वायुसेना के लिए और 05 थलसेना के लिए). माना जा रहा है कि जल्द ही रक्षा मंत्रालय इन 15 हेलीकॉप्टर्स के सौदे को मंजूरी दे सकता है.





आपको बता दें कि पिछले साल सितंबर में एचएएल ने एबीपी संवाददाता को बेंगुलरू स्थित अपनी फैसेलिटी में खास तौर से एलसीएच की फ्लाईंग के लिए आमंत्रित किया था. एबीपी संवाददाता ने एलसीएच के कॉकपिट में उड़ान भऱी थी और उस दौरान टेस्ट पायलट ने दुश्मन की सीमा में घुसकर एक सैन्य-अड्डे को तबाह करने का सिम्युलेशन दिखाया था.


पूर्वी लद्दाख में अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स भी तैनात


फिलहाल, पूर्वी लद्दाख में अमेरिकी से लिए अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स को भी तैनात किया गया है. लेकिन एलसीएच को लद्दाख में तैनात कर भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तो कदम उठा ही रहा है साथ ही सरहदों की रक्षा स्वदेशी हथियारों और हेलीकॉप्टर्स से करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. रविवार को रक्षा मंत्रालय ने 101 आईटम्स की एक निगेटिव लिस्ट जारी की थी जिनके आयात पर बैन लगा दिया गया है. लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर भी इस निगेटिव लिस्ट में शामिल है.


आगे हम आपको इस देशी अटैक हेलीकॉप्टर की खूबियों और क्षमताओं के बारे में बताएंगे लेकिन पहले एलसीएच हेलीकॉप्टर और इस प्रोजेक्ट के बारे में आपको जानकारी दे देते हैं. इस अटैक हेलीकॉप्टर को करगिल युद्ध के बाद ही भारत ने तैयार करने का मन बनाया था. क्योंकि उस वक्त भारत के पास कोई ऐसा अटैक हेलीकॉप्टर नहीं था जो 15-16 हजार फीट की उंचाई पर जाकर दुश्मन के बंकर्स को तबाह कर सके. लेकिन उस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली वर्ष 2006 में. पिछले 13 साल के कड़े परिश्रम के बाद जाकर ये लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर, एलसीएच तैयार हुआ है. आपको यहां पर ये बता दें कि भारत ने भले ही हाल में अमेरिका से बेहद ही एडवांस अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे खरीदे हों लेकिन करगिल और सियाचिन की चोटियों पर अपाचे भी टेक ऑफ और लैंडिंग नहीं कर सकता है. लेकिन बेहद लाइट यानि हल्का होने और खास रोटर्स होने के चलते एलसीएच इतनी उंची चोटियों पर भी अपने मिशन्स को अंजाम दे ‌सकता है.


- लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर यानि एलसीएच हेलीकॉप्टर का वजन करीब 6 टन है, जिसके चलते ये बेहद हल्का है जबकि अपाचे का वजन करीब 10 टन है. वजन कम होने के चलते ये हाई ऑल्टिट्यूड एरिया में भी अपनी मिसाइल और दूसरे हथियारों से लैस होकर टैकऑफ और लैंडिंग कर सकता है.


- एलसीएच अटैक हेलीकॉप्टर में फ्रांस से खास तौर से ली गईं 'मिस्ट्रल' एयर टू एयर यानि हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल और हवा से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल लग सकती हैं.


- एलसीएच में 70 एमएम के 12-12 रॉकेट के दो पॉड लगे हुए हैं‌.


- इसके अलावा एलसीएच की नोज़ यानि फ्रंट में एक 20 एमएम की गन लगी हुई है जो 110 डिग्री में किसी भी दिशा में घूम सकती है.


- पायलट के हेलमेट पर ही कॉकपिट के सभी फीचर्स डिसप्ले हो जाते हैं.


जल्द ही इसमें एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल भी लगने वाली है


एचएएल के अधिकारियों के मुताबिक, एलसीएच में इस तरह के स्टेल्थ फीचर्स हैं कि ये आसानी से दुश्मन की रडार में पकड़ नहीं आएगा. दुश्मन हेलीकॉप्टर या फाइटर जेट ने अगर एलसीएच पर अपनी मिसाइल लॉक की तो ये उसे चकमा भी दे सकता है. इसकी बॉडी आर्मर्ड है जिससे उसपर फायरिंग का कोई खास असर नहीं होगा. यहां तक की रोटर्स यानि पंखों पर गोली का भी असर नहीं होगा. जल्द ही इसमें एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल भी लगने वाली है.


भारतीय वायुसेना के लिए पूरी तरह से तैयार करने से पहले इन स्वदेशी एलसीएच हेलीकॉप्टर्स का ट्रायल सियाचिन ग्लेशियर से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान तक हो चुका है. इस दौरान एलसीएच में पर्याप्त मात्रा में फ्यूल से लेकर उसके हथियार भी लगे हुए थे.


एचएएल के सीएमडी आर. माधवन के मुताबिक, एलसीएच दुनिया के सबसे हल्के अटैक हेलीकॉप्टर में से एक है जो सेनाओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है... 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए एचएल पूरी तरह से समर्पित है.