INS Vikrant: भारत (India) का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier), आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) अगले महीने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर भारतीय नौसेना (Indian Navy) के जंगी बेड़े में शामिल हो जाएगा. दूसरे विमानवाहक युद्धपोत से समंदर में भारत की ताकत में एक बड़ा इजाफा हो जाएगा. इसके साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है जिनके पास एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की क्षमता है.


मंगलवार को भारतीय नौसेना के सह-प्रमुख (वाइस चीफ), वाइस एडमिरल एस एन घोरमाडे ने बताया कि इंडिजिनेस एयरक्राफ्ट कैरियर (आईएसी) विक्रांत 15 अगस्त के करीब पूरी तरह से तैयार होकर इंडियन नेवी के जंगी बेड़े में शामिल हो जाएगा. इस साल 15 अगस्त पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. ऐसे में देश का सबसे ताकतवर जंगी जहाज, आईएसी विक्रांत भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएगा. नौसेना में शामिल होने पर आईएसी विक्रांत को आईएनएस (इंडियन नेवल शिप) विक्रांत के नाम से जाना जाएगा.


रफाल और एफ-18 होरनेट में से एक को किया जाएगा तैनात


मंगलवार को राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वाइस एडमिरल घोरमाडे ने बताया कि विक्रांत पर तैनात करने के लिए हाल ही में फ्रांस के रफाल (मेरीटाइम) और अमेरिका के एफ-18 होरनेट के ट्रायल भी गोवा स्थित नेवल एविएशन बेस पर किए गए थे. दोनों फाइटर जेट के ट्रायल की रिपोर्ट आने के बाद ये तय किया जाएगा कि इन दोनों में से कौनसा लड़ाकू विमान विक्रांत पर तैनात किया जाएगा.


वाइस चीफ के मुताबिक, डीआरडीओ भी स्वेदशी टूइन इंजन डेक बेस्ट फाइटर यानि  टीईडीबीएफ पर काम कर रही है. जबतक टीईडीबीएफ बनकर तैयार नहीं हो जाता तबतक रफाल या फिर एफ-18 में से कोई एक इस पर तैनात किया जाएगा. इसके अलावा भारतीय नौसेना के दूसरे एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात होने वाले रूसी फाइटर जेट, MiG29K को भी विक्रांत पर तैनात किया जा सकता है.


28 नॉट्स है विक्रांत की टॉप स्पीड


दरअसल, किसी भी विमान-वाहक युद्धपोत की ताकत होती है उस पर तैनात किए जाने वाले लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर. समंदर में एयरक्राफ्ट कैरियर एक फ्लोटिंग एयरफील्ड के तौर पर काम करता है. उस पर तैनात फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर कई सौ मील दूर तक समंदर की निगरानी और सुरक्षा करते हैं. दुश्मन का कोई युद्धपोत तो क्या पनडुब्बी तक भी उसके आसपास फटकने की जुर्रत नहीं करती है. विक्रांत की टॉप स्पीड 28 नॉट्स है और ये एक बार में 7500 नॉटिकल मील की दूरी तय कर सकता है. इसपर तैनात फाइटर जेट्स भी एक-दो हजार मील की दूरी तय कर सकते हैं.


262 मीटर लंबा है विक्रांत


पिछले साल यानि 2021 में जब विक्रांत पहला समुद्री-ट्रायल पूरा कर कोच्चि हार्बर पहुंचा था तो एबीपी न्यूज़ की टीम विक्रांत पर ऑन-बोर्ड कवरेज के लिए पहुंची थी. किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर की ताकत उसका फ्लाईट-डेक होता है यानि उसका रनवे. यहीं वजह है एबीपी न्यूज़ की टीम सबसे पहले विक्रांत के रनवे पर पहुंची थी. विक्रांत करीब 262 मीटर लंबा है, यानि दो फुटबॉल ग्राउंड से भी बड़ा है. विक्रांत की चौड़ाई करीब 62 मीटर और ऊंचाई 50 मीटर है. एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक भारत के स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर पर करीब 30 फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर तैनात होंगे. इन 30 एयरक्राफ्ट्स में 20 लड़ाकू विमान और 10 हेलीकॉप्टर होंगे.


विक्रांत (Vikrant) पर जो रोटरी विंग एयरक्राफ्ट्स (Rotary Wing Aircrafts) होंगे, उनमें छह एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर्स होंगे, जो दुश्मन की पनडुब्बियों पर खास नजर रखेंगे. भारत (India) ने हाल ही में अमेरिका (America) से ऐसे 24 मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर, एमएच-60आर यानि रोमियो हेलीकॉप्टर (Romeo Helicopters) का सौदा किया है. इनमें से दो (02) रोमियो हेलीकॉप्टर भारत को मिल भी गए हैं. इसके अलावा दो टोही हेलीकॉप्टर और दो ही सर्च एंड रेस्क्यू मिशन में इ‌स्तेमाल किए जाने वाले होंगे. स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत (Indigenous Aircraft Carrier Vikrant) का मोटो यानि आदर्श वाक्य है, 'जयेम सम युधि स्पृधा:'. ऋगवेद से लिए गए इस सूक्ति का अर्थ है अगर कोई मुझसे लड़ने आया तो मैं उसे परास्त करके रहूंगा.


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