Indigo Airlines: हिंदी-अंग्रेजी न जानने पर महिला यात्री की इंडिगो एयरलाइन ने बदल दी सीट, केटीआर बोले- स्थानीय भाषाओं का...
Indigo Airlines: हिंदी-अंग्रेजी भाषा नहीं जानने पर इंडिगो एयरलाइंस ने एक महिला यात्री की सीट बदल दी. तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री के टी राम राव ने जानें क्या कुछ कहा...
Indigo Airlines: हैदराबाद में इंडिगो एयरलाइंस (Indigo Airlines) ने एक महिला यात्री की सीट (Seat) केवल इसलिए बदल दी क्योंकि उसको हिंदी-अंग्रेजी (Hindi-Englih) दोनों भाषा नहीं आती थी. इस घटना की जानकारी उनकी एक सहयात्री देवस्मिता चक्रवती ने ट्वीट कर दी. उन्होंने कहा, 'हिंदी भाषा नहीं जानने वाली महिला को उसी के राज्य में द्वतीय श्रेणी का नागरिक माना जा रहा है.'
वहीं, इस मामले के सामने आने के बाद तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री के टी राम राव (K. T. Rama Rao) ने तेलुगु भाषी (Telugu) एक महिला यात्री को सीट छोड़ने के लिए मजबूर करने पर इंडिगो एअरलाइंस से स्थानीय भाषाओं का सम्मान करने को कहा है. दरअसल, तेलुगु भाषी एक यात्री को अपनी सीट खाली करने के लिए कहा गया क्योंकि वो अंग्रेजी-हिंदी भाषा में बतायी सुरक्षा प्रक्रियाओं को समझ नहीं पायी.
चक्रवर्ती ने ट्वीट में लिखा...
चक्रवर्ती ने ट्वीट किया, ‘‘विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) से हैदराबाद (तेलंगाना) की इंडिगो 6ई 7297 की 16 सितंबर 2022 की उड़ान में पहले 2ए (एक्सएल सीट, निकासी पंक्ति) में बैठी महिला को 3सी सीट पर बैठने के लिए विवश किया गया क्योंकि वह केवल तेलुगु भाषा जानती थी न कि अंग्रेजी या हिंदी भाषा. परिचारिका ने कहा कि यह सुरक्षा का मसला है.’’
एअरलाइन भर्ती करें ऐसे कर्मी जो... - राम राव
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राम राव ने कहा कि एअरलाइन को क्षेत्रीय मार्गों पर और अधिक कर्मियों की भर्ती करनी चाहिए जो तेलुगु, तमिल, कन्नड़ जैसी स्थानीय भाषाएं जानते हो. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रिय इंडिगो 6ई प्रबंधन, मैं आपसे स्थानीय भाषाओं और ऐसे यात्रियों का सम्मान करने का अनुरोध करता हूं जो अंग्रेजी या हिंदी बहुत अच्छी तरह न समझते हों.’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्रीय मार्गों पर ऐसे और कर्मियों की भर्ती करें जो तेलुगु, तमिल, कन्नड़ जैसी स्थानीय भाषाएं बोल सकते हों. इसी में सभी की भलाई होगी.’’ इंडिगो ने रविवार को एक बयान में कहा कि वह एक समावेशी संगठन है जो क्षेत्रीय विविधता का सम्मान करता है और बिना किसी भेदभाव या पूर्वाग्रह के देश की सेवा करता है.
एयरलाइन ने दिया ये जवाब...
एअरलाइन ने कहा, ‘‘हम सभी क्षेत्रों से चालक दल के सदस्य की भर्ती करते हैं और वे अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं जो हमारे व्यापक देश की विविधता का अंदरुनी हिस्सा है. हमारे चालक दल के सदस्य एक मानक संचालन प्रक्रिया के तहत हमारे ग्राहकों को उन भाषाओं में सूचित करते हुए घोषणाएं करते हैं जो उस उड़ान में बोली और समझी जा सकती हो.’’
उसने स्पष्टीकरण दिया कि सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत निकास द्वार के पास बैठे व्यक्ति को किसी भी आपात स्थिति में स्वैच्छिक रूप से निकास द्वारा खोलना और चालक दल के सदस्य की मदद करना आना चाहिए. चक्रवर्ती ने एक अन्य ट्वीट में कहा था, ‘‘आंध्र प्रदेश से तेलंगाना की उड़ान में तेलुगु में कोई निर्देश नहीं थे, परिचारिका ने कहा कि यह सुरक्षा का मुद्दा है कि वह अंग्रेजी/हिंदी नहीं जानती हैं. कोई सम्मान नहीं, गैर-हिंदी भाषी से उनके अपने ही राज्य में दोयम दर्जे के नागरिकों की तरह बर्ताव किया गया.’
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