Indo-Myanmar Relation: भारत-म्यांमार संबंधों को और बेहतर करने के लिए रेलवे ने अपना काम तेज कर दिया है. पूर्वोत्तर से म्यांमार की सीमा तक भारतीय क्षेत्र में रेल लाइन बिछाने के लिए रेल मंत्रालय ने बुधवार को फाइनल सर्वे को मंजूरी दे है. मंत्रालय के अनुसार मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह की मांग पर ये मंजूरी 2 घंटे के अंदर दी गई है. दरअसल मणिपुर के मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से उनके पुर्वोत्तर दौरे के दौरान ये मांग की थी कि म्यांमार तक नई रेल लाइन को एक्सटेंशन दिया जाए. रेल मंत्री ने उसी समय रेल मंत्रालय के अधिकारियों से बात कर के म्यांमार तक रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे को मंजूरी दे दी.


इससे पूर्व भी म्यांमार तक रेल लाइन बिछाने के लिए प्रपोजल दिया गया था लेकिन रेल मंत्रालय ने उसे नामंजूर कर दिया था. रेलवे के अनुसार इंडो-म्यांमार रेल लिंक परियोजना के तहत इंफाल से मोरेह तक रेलखंड बनाया जाएगा. अभी भारतीय इलाके में इंफाल तक ही रेल लाइन है. इसे अपनी सीमा में मोरेह तक बढ़ाया जाएगा। मोरेह को म्यांमार के अंतिम रेल स्टेशन टामू से जोड़ा जाएगा.


दोनों देश के बीच होगा बेहतर रिश्ता कायम


इंडो-म्यांमार रेल लिंक से दोनों देश के बीच बेहतर रिश्ता कायम करने और निकटतम पड़ोसी देश से व्यापारिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक रिश्ता मजबूत करने में मदद मिलेगी. सर्वे के मुताबिक दोनों देशों के बीच 111 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जायगी.


सभी पड़ोसी देश के बीच रेल लिंक का सपना


मंत्रालय के अनुसार भारत सरकार का सपना है कि सभी पड़ोसी देश के बीच रेल लिंक की स्थापना हो. इस क्षेत्र में रेल मंत्रालय के आदेश पर बांग्लादेश के चिल्लामारी और भारत के हल्दीबाड़ी के बीच रेल लिंक काम कर रहा है. भारत और म्यांमार के बीच रेल लिंक बनने से दोनों देश के नागरिकों के बीच रिश्ता बेहतर होगा. उत्तर पूर्व के सीमावर्ती राज्यों में इन रेल लाइनों के माध्यम से आने वाले वर्षों में भारत-म्यांमार और बांग्लादेश के साथ नए रेल लिंक भी जोड़ेगा.


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