नई दिल्ली: आई़टीबीपी के 57वें स्थापना दिवस से ठीक पहले इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक एस एस देसवाल ने बड़ा बयान दिया है. एस एस देसवाल ने कहा है कि भारतीय सैनिक भी चीनी सैनिकों के बराबर आक्रमक हैं और जिस तरह चीनी सैनिक सीमा पर आक्रमकता से पैट्रोलिंग करते हैं, भारतीय सैनिक भी वैसे ही करते हैं.
एस एस देसवाल के मुताबिक, चीन सीमा (वास्तिवक नियंत्रण रेखा) पर कोई ऐसी जगह नहीं है जहा भारत और चीन के सैनिक पैट्रोलिंग ना करते हों, क्योंकि दोनों ही देशों का वास्तिवक नियंत्रण रेखा को लेकर अलग-अलग धारणा हैं. एस एस देसवाल राजधानी दिल्ली में सालाना प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.
गस्त के दौरान कभी कभी आमने सामने आ जाते हैं भारत-चीन सैनिक-देसवाल
इस दौरान उन्होनें कहा, ‘’जिसे चीन की घुसपैठ कहा जाता है, उसे हम (आईटीबीपी) पैट्रोलिंग मानते हैं. क्योंकि सीमा पर गस्त के दौरान दोनों देशों के सैनिक कभी कभी आमने सामने आ जाते हैं.’’ लेकिन उन्होनें कहा, ‘’मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि चीन सीमा पूरी तरह से सुरक्षित है और दोनों देशों के बीच में सीमा पर उत्पन होने वाले किसी भी स्थिति (या टकराव) को लेकर ऐसे स्थापित तंत्र ('एस्टेबिलिस्ट मैकेनिज्म') हैं जिनसे सभी मुद्दों को सुलझाया जा सकता है.’’ हाल में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत की यात्रा को लेकर उन्होनें साफ किया कि डिप्लोमेसी और नेशनल सिक्योरिटी यानि राष्ट्रीय सुरक्षा को एक साथ जोड़कर नहीं देखना चाहिए.
बता दें कि चीन सीमा पर आए दिन ऐसी खबरें आती है कि चीनी सैनिक भारत की सीमा में घुसपैठ कर रहे हैं या फिर फेसऑफ की स्थिति बन गई है. हाल ही में लद्दाख के पैंगोंग लेक में भी दोनों देश के सैनिक भिड़ गए थे. हालांकि बाद में फ्लैग मीटिंग के बाद दोनों देश के सैनिक वापस अपनी अपनी सीमा में चले गए थे.
भारत और चीन के संबंध बेहद अच्छे हैं- राजनाथ
गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय सेना की पूर्वी कमान के कमांडर इन चीफ (अब सहथलसेनाध्यक्ष) लेफ्टिनेंट जनरल एम एम नरावने ने ये कहकर सनसनी फैला दी थी कि अगर चीनी सैनिक 100 बार हमारी सीमा में घुसपैठ करते हैं तो हमारे सैनिक 200 बार करते हैं. लेकिन सोमवार को लद्दाख के दौरे पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ किया कि भारत और चीन के संबंध बेहद अच्छे हैं और सीमा पर दोनों देश बेहद ही मैच्योरेटी (परिपक्वता) और जिम्मेदारी से किसी भी मुद्दे को सुलझा लेते हैं.
इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) भारतीय सेना के साथ साथ चीन से सटी करीब 3488 किलोमीटर लंबी सीमा (वास्तिवक नियंत्रण रेखा) की निगहबानी करती है. आईटीबीपी को 1962 में स्थापित किया गया था. इस सवाल पर कि क्या आईटीबीपी की ऑपरेशनल कमान सेना को दे देनी चाहिए, देसवाल ने कहा कि आईटीबीपी भी सेना की तरह ही एक सक्षम सुरक्षा-बल है और जिस तरह से अभी कार्य कर रही है आगे भी ऐसे ही करती रहेगी.
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