नई दिल्ली: भारत और अमेरिका की सेनाएं राजस्थान के थार रेगिस्तान में ज्वाइंट एक्सरसाइज़, 'युद्धभ्यास' कर रही हैं. ये युद्धभ्यास आठ फरवरी से 21 फरवरी तक होगा. इसी बीच पाकिस्तानी सेना ने भी अपने अधिकार-क्षेत्र वाले थार रेगिस्तान में एक्सरसाइज़, 'जिदर उल हदीद' शुरू कर दी है. इस एक्सरसाइज में पाकिस्तानी सेना आर्मर्ड यानि टैंक ब्रिगेड के साथ वॉर-गेम्स कर रही है. लेकिन खास बात ये है कि पाकिस्तानी सेना ने इस युद्धभ्यास को 'डिफेंसिव रोल' में कर रही है. यानि अगर कोई दूसरी सेना उसपर हमला कर दे तो उसे कैसे अपनी रक्षा करनी है.
भारत और अमेरिका के बीच 'युद्धभ्यास' एक्सरसाइज का 16वां संस्करण
भारत और अमेरिका के साझा युद्धभ्यास का मकसद रेगिस्तान और सेमी-अर्बन इलाकों में काउंटर-इनसर्जेंसी और काउंटर-टेरेरिज्म ऑपरेशन करना है. दोनों देशों के बीच 'युद्धभ्यास' एक्सरसाइज का 16वां संस्करण है. इस ज्वाइंट एक्सरसाइज का नाम 'युद्धभ्यास' ही है. भारत और अमेरिकी सेना इस युद्धभ्यास को संयुक्त राष्ट्र यानि यूएन के चार्टर के तहत कर रहे हैं. दो हफ्ते तक चलने वाले इस युद्धभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिक, रोड ओपनिंग, मोबाइल व्हीकल चैक पोस्ट, एरिया डोमिनेशन पैट्रोल, कोर्डन एंड सर्च ऑपरेशन और एम्बुश लगाने का साझा अभ्यास कर रहे हैं.
इस एक्सरसाइज में अमेरिकी सेना की स्ट्राइकर-ब्रिगेड हिस्सा ले रही है, जिसे घोस्ट-ब्रिगेड के नाम से जाना जाता है. कोविड महामारी के दौरान भारतीय सेना को किसी दूसरे देश के साथ ये पहला युद्धभ्यास है. इस बार ये एक्सरसाइज राजस्थान के थार रेगिस्तान स्थित महाजन रेंज में हो रही है. इस एक्सरसाइज में कुल 500 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. 250-250 सैनिक दोनों सेनाओं के ये एक्सरसाइज “यूएन (संयुक्त राष्ट्र) चार्टर के तहत वैश्विक तौर से ताकतवर दो सेनाओं के बीच आपसी सहयोग और पारस्परिकता बढ़ाने के उद्देश्य से की जा रही है.
स्ट्राइकर व्हीकल्स को भारत लेकर पहुंची है अमेरिकी सेना
अमेरिकी सेना की वन-कोर की 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बेट टीम (घोस्ट ब्रिगेड) इस एक्सरसाइज के लिए अपने स्ट्राइकर-व्हीकल्स (इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स) के साथ भारत पहुंची है. इस वन (1) कोर का मुख्यालय अमेरिका के सिएटल शहर के करीब ज्वाइंट बेस लुईस मैकक्रोर्ड (जेबीएलएम बेस) में है. अमेरिकी सेना सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट से इन स्ट्राइकर व्हीकल्स को भारत लेकर पहुंची है.
अमेरिकी सेना की टुकड़ी के साथ भारतीय सेना की 170 इंफेंट्री ब्रिगेड की टुकड़ी युद्धभ्यास में हिस्सा ले रही है. भारतीय सेना की टुकड़ी के साथ हाल ही में सेना में शामिल किए गए स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर रूद और इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकलस बीएमपी-2 (सारथ) हिस्सा ले रही हैं. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के चिनूक और मी-17 हेलीकॉप्टर्स भी युद्धभ्यास में हिस्सा ले रही हैं. ज्वाइंट ड्रिल में उग्रवाद-विरोधी अभियान के साथ-साथ एचएडीआर यानि ह्यूमैनिटेरियन अस्सिटेंस एंड डिसास्टर रिलीफ (मानवीय सहायता और आपदा राहत) का अभ्यास भी किया जाएगा. युद्धभ्यास के दौरान कमांड पोस्ट एक्सरसाइज (सीपीएक्स) की जाएगी जिसमें यूएन पीसकीपिंग ऑपरेशन को दोनों देश के सैनिकों को एक साथ करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में स्थायी रक्षा उद्देश्य को मिलेगा बढ़ावा
इस एक्सरसाइज के बाबत राजधानी दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने हाल ही में आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि इस सालाना युद्धभ्यास से दोनों सेनाओं की क्षमताएं तो बढेंगी ही “इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में स्थायी रक्षा उद्देश्य को बढ़ावा मिलेगा.” भारतीय सेना के मुताबिक, इस एक्सरसाइज का उद्देश्य, दोनों देशों के सैनिकों का एक साथ ट्रेनिंग करना, एक साथ जंग लड़ना है ताकि पूरी दुनिया दोनों देशों की ताकत देख सकें.
लेकिन इस बीच पाकिस्तानी सेना ने भी भारत से सटे थार रेगिस्तान में अपने सीमा में इंफेंट्री और मैकेनाइज्ड फोर्सेंज़ (यानि सैनिकों, टैंक और इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स यानि आईसीवी) के साथ युद्धभ्यास शुरू कर दिया है. 14 फरवरी से शुरू हुआ ये 'जिदर उल हदीद' युद्धभ्यास 28 फरवरी तक चलेगा. इस युद्धभ्सास में पाकिस्तानी सेना के बड़े तादाद में टैंक 'बैटलफील्ड एनवायरमेंट'में हिस्सा ले रहे हैं. पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग,आईएसपीआर ने आधिकारिक तौर से कहा कि ये एक्सरसाइज 'डिफेंसिव रोल' में की जा रही है.
पाकिस्तानी सेना प्रमुख चनरल कमर बाजवा ने सोमवार को खुद थार रेगिस्तान के छौर जाकर युद्धभ्यास की समीक्षा की. ये एक्सरसाइज छौर में ही की जा रही है. इस दौरान जनरल बाजवा ने खुद टैंक में बैठकर 'राइड' ली.
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