मध्य प्रदेश: पटरी पर लौट रहा इंदौर, 100 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ खुलेंगे सरकारी दफ्तर
मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रशासन ने छूट का दायरा बढ़ाते हुए 100 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ सरकारी दफ्तर खोलने के निर्देश जारी किये हैं. अभी तक यहां सिर्फ 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ही सरकारी ऑफिस खुल रहे थे.
इंदौर: देश में जानलेवा कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में प्रशासन ने छूट का दायरा बढ़ाते हुए 100 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ सरकारी दफ्तर खोलने के निर्देश जारी किये हैं. नतीजतन इन दफ्तरों में पिछले तीन महीने से बुरी तरह प्रभावित हो रहा काम-काज सोमवार से पटरी पर लौटना शुरू होगा. प्रशासन के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर जिले में केन्द्र और राज्य सरकार के सभी शासकीय कार्यालयों, अर्द्ध शासकीय कार्यालयों और निगमों के कार्यालयों को मार्च के अंतिम सप्ताह में बंद कर दिया गया था. महीने भर पहले इन दफ्तरों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ दोबारा खोलने के संबंध में निर्देश जारी किये गये थे.
उन्होंने बताया कि जिले में महामारी के हालात नियंत्रण में आने के बाद प्रशासन ने अपने निर्देशों में बदलाव किया है, जिससे ये कार्यालय अब कर्मचारियों की शत प्रतिशत उपस्थिति के साथ संचालित हो सकेंगे.
पिछले 24 घंटों में सामने आए 40 नए केस
अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों को दफ्तरों में कोविड-19 से बचाव के लिये जारी तमाम दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये हैं. इस बीच, मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में इस महामारी के 40 नये मामले मिले हैं. इसके साथ ही जिले में संक्रमितों की कुल तादाद 4,575 से बढ़कर 4,615 हो गई है.
सीएमएचओ ने यह भी बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित 75 वर्षीय महिला समेत चार और मरीजों की अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के दौरान मौत हो गयी. इसके बाद जिले में इस महामारी की चपेट में आने के बाद दम तोड़ने वाले लोगों की तादाद बढ़कर 222 पर पहुंच गयी है. उन्होंने बताया कि जिले में 3,415 लोग इलाज के बाद इस महामारी के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं. जिले में कोविड-19 के प्रकोप की शुरूआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी.
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