Indresh Kumar On Muslims Disputed Religious Sites: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संयोजक इंद्रेश कुमार ने चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों और अन्य धर्मों के लोगों को स्वेच्छा से विवादित धार्मिक स्थलों को हिंदू समुदाय को सौंप देना चाहिए. इससे देश में शांति आएगी. कुमार आरएसएस से संबंधित राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक हैं. उनकी दलील है कि देश में अमन चैन कायम करने के लिए मुस्लिम समुदाय को उदाहरण पेश करना चाहिए. इसका सबसे अच्छा उपाय है कि जिन धार्मिक स्थलों को तोड़कर इबादतगाह बनाए गए हैं, उन्हें स्वेच्छा से हिंदू समुदाय को दे दें.
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत बहुत स्पष्ट थे, जब उन्होंने कहा था कि हर मस्जिद में शिवलिंग खोजने की जरूरत नहीं है. संघ प्रमुख के बयान का बचाव करते हुए कुमार ने कहा, " मोहन भागवत के बयान का उद्देश्य आपसी संघर्ष को समाप्त करना था ताकि समाज नफरत और हिंसा से मुक्त होकर सोच-विचार कर सके."
"हिजाब विवाद पर मुस्लिम मंच दो फाड़"
हाल ही में सामने आए हिजाब लेकर हुए विवाद का भी जिक्र इंद्रेश कुमार ने किया. उन्होंने बताया कि हिजाब विवाद पर RSS की मुस्लिम विंग राष्ट्रीय मुस्लिम मंच में दो राय थे. एक ने हिजाब का समर्थन किया था तो दूसरे मंच ने दूरी बना ली थी.
आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य इंद्रेश कुमार ने आगे कहा कि सनातन के अनुयायियों के मंदिरों को विदेशी आक्रांताओं द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था. इनका समाधान जरूरी है. उन्होंने कहा, "मोहन भागवत ने जो कहा वह बहुत स्पष्ट है. खोजने की जरूरत नहीं है, सच्चाई सबके सामने है. हर किसी को उस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए."
विवादित नारों पर दी नसीहत
इंद्रेश कुमार ने कई विवादित नारों पर भी नसीहत दी. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 'सर तन से जुदा' का नारा असंवैधानिक है. शुक्रवार जिस दिन मुस्लिम समुदाय सामूहिक नमाज अता करता है उस दिन को मोहब्बतवार में बदलें. भाईचारे के लिए ऐसा जरूरी है. आरएसएस नेता ने कहा, "मुसलमानों और अन्य धर्मों के लोगों को आगे आना चाहिए और हिंदुओं के विवादित धार्मिक स्थलों को हिंदू समुदाय को सौंप देना चाहिए."
"राम मंदिर को राष्ट्रीय मंदिर"
इंद्रेश कुमार ने अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर को राष्ट्रीय मंदिर की भी संज्ञा दी है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण से न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में खुशी का माहौल है. राम मंदिर सभी के लिए है. यह एक राष्ट्रीय मंदिर है. राम सभी के लिए हैं और सभी में हैं. कुमार ने कहा, "भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो सभी धर्मों को स्वीकार करता है और उनका सम्मान करता है. इसलिए इसे राष्ट्रीय मंदिर कहना सही है."