सर्जिकल स्ट्राइक के बाद घुसपैठ की घटनाओं में आई कमी: राजनाथ सिंह
नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद घुसपैठ की घटनाओं में बहुत अधिक गिरावट दर्ज की गयी है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में सीमापार आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूत करने के लिबाद घुसपैठ की घटनाओं में बहुत अधिक गिरावट दर्ज की गई है.
सोशल मीडिया के इस्तेमाल के दौरान सचेत रहे जवान: राजनाथ सिंह
सिंह ने आज बीएसएफ की तरफ से आयोजित सम्मान समारोह में केन्द्रीय पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने सुरक्षा बल के जवानों से सोशल मीडिया पर मौजूद संदेशों को आगे बढ़ाने या उनके अन्य इस्तेमाल के दौरान पूरी तरह से सचेत रहने को कहा.
सीमा की सुरक्षा के लिए सेना और बीएसएफ को बधाई: : राजनाथ सिंह
सिंह ने कहा कि ‘‘पाकिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ हो रही है लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद घुसपैठ की घटनाओं में काफी हद तक गिरावट आई है. सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मैं सेना और बीएसएफ को बधाई देता हूं.’’ सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई को अंजाम देते हुये पिछले साल सितंबर में एलओसी के उस पार आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था.
दुश्मन सोशल मीडिया के जरिए गलत सूचनाएं फैला रहा है: राजनाथ सिंह
गृह मंत्री ने कहा कि सेना खासकर बीएसएफ को सीमा पार नशीले पदार्थों और भारतीय मुद्रा की तस्करी के खिलाफ पहले से अधिक सतर्क रहना चाहिए. इस बीच उन्होंने सोशल मीडिया के खतरों का भी जिक्र करते हुए कहा कि दुश्मन फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए अफवाहें और गलत सूचनाएं फैला रहा है. इसके मद्देनजर उन्होंने जवानों और अधिकारियों को फेसबुक या व्हाट्सएप पर मौजूद सूचनाओं और वीडियो को तब तक आगे बढाने से परहेज बरतने को कहा जब तक कि इनकी प्रमाणिकता को पुख्ता न कर लिया जाए और यह सुनिश्चित न हो जाये कि इसे आगे बढ़ाना देश हित में है. क्योंकि देश की सीमाओं की ही नहीं बल्कि उसकी एकता और अखंडता की सुरक्षा भी सुरक्षाबलों की ही जिम्मेदारी है.
सीमा की सुरक्षा करने को लेकर प्रयास जारी: राजनाथ सिंह
सिंह ने कहा कि सरकार राडार, लेजर कैमरा और दूसरे अत्याधुनिक उपकरणों के जरिये सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये समग्र और एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) को लागू करने पर तेजी से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हम अपनी सीमाओं की तीन स्तरीय प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं. इसमें बीएसएफ जैसी सुरक्षा इकाई के साथ खुफिया तंत्र और स्थानीय पुलिस की मौजूदगी को शामिल किया जाएगा.