असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया है कि घुसपैठिये साल 2050 तक जनसंख्या के बल पर सत्ता समीकरणों को बदलना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने रूप रेखा भी तैयार की है. विपक्ष ने मुख्यमंत्री के इस बयान को सांप्रदायिक बताया है.
अवैध रूप से बसने वाले आपदाओं से प्रभावित होने का दावा करते हैं- सीएम
असम के धेमाजी में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम हिमंत बिस्वा ने कहा, ''अवैध रूप से बसने वाले आपदाओं से प्रभावित होने का दावा करते हैं और एक एजेंडे के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान चले जाते हैं. मैं किसी विशेष समुदाय का नाम नहीं ले रहा हूं. हमें यह नहीं कहना चाहिए कि यह इस्लाम के अनुयायियों द्वारा किया जा रहा है, क्योंकि स्वदेशी असमिया मुसलमान इसका हिस्सा नहीं हैं. इस घुसपैठियों का सामूहिक उद्धेश्य साल 2050 तक असम की सत्ता को पूरी तरह बदलने का है".
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी उस घटना के एक हफ्ते बाद आई है जिसमें दो नागरिकों और 11 पुलिसकर्मी सहित 20 अन्य लोग घायल हो गए थे. इस घटना के बाद सीएम हेमंत बिस्वा सरमा की काफी आलोचना हुई थी. राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने कथित तौर पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों को हटाना शुरू कर दिया है. राज्य के सोनितपुर, होजई और दरांग में चलाए गए अभियानों में अधिकांश लोग बंगाली भाषा बोलने वाले मुसलमान थे.
कई विस्थापित लोगों के पास सैकड़ों बीघा जमीन- सीएम
हिमंत बिश्व सरमा ने कहा कि घुसपैठिए किसी आपदा का हवाला देते हुए अपने मूल स्थान को छोड़कर दूसरी जगह जाते हैं और वहां जाकर एक योजना के तहत अवैध रूप से बस जाते हैं. 'यदि पूछताछ करें तो पता चलेगा कि इनमें से कई विस्थापित लोगों के पास सैकड़ों बीघा जमीन है लेकिन सीधे तौर पर इनसे यह सवाल किया जाए तो यह चुप हो जाएंगे'.
उन्होंने कहा कि इन घुसपैठियों ने बीते विधानसभा चुनाव में बटाद्रोबा विधानसभा सीट पर कब्जा जमा लिया और अब अन्य सीटों पर भी इनकी नजर है. बता दें कि बटाद्रोबा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के सिबामोनी बोरा ने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) और अन्य दलों के समर्थन से जीत हासिल की थी.
AIUDF के आयोजक सचिव मोहम्म्द अमीनुल इस्लाम ने घृणा फैलाने के संदर्भ में सीएम हेमंत बिश्वा सरमा की आलोचना की. उन्होंने कहा कि 'ये बहुत ही सांप्रदायिक और असंवेदनशील टिप्पणियां हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम खुद इस तरह मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं'.
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