InFinity Forum: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने आज सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन्फिनिटी फोरम का उद्घाटन किया. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुद्रा का इतिहास ज़बरदस्त विकास दिखाता है. जैसे-जैसे मनुष्य विकसित हुआ, वैसे-वैसे हमारे लेन-देन का तरीके में भी परिवर्तन आया. वस्तु विनिमय प्रणाली से धातुओं तक, सिक्कों से लेकर नोटों तक, चेक से लेकर कार्ड तक, आज हम यहां पहुंच गए हैं. 


पीएम मोदी ने कहा, ''पिछले साल भारत में मोबाइल भुगतान ने पहली बार एटीएम नकद निकासी को पार कर लिया. बिना किसी भौतिक शाखा कार्यालय के पूरी तरह से डिजिटल बैंक आज एक वास्तविकता है और एक दशक से भी कम समय यह आम बात हो सकती है. '' उन्होंने कहा, ''हम अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को दुनिया के साथ साझा करने और उनसे सीखने में भी विश्वास करते हैं. हमारे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशंस दुनिया भर के नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं.'' पीएम मोदी ने आगे कहा, ''अब फिनटेक पहल को फिनटेक क्रांति में बदलने का समय आ गया है. एक क्रांति जो देश के हर एक नागरिक को वित्तीय सशक्तिकरण प्रदान करती है.''





इनफिनिटी फोरम क्या है?


इनफिनिटी फोरम, फिन-टेक पर एक विचारशील नेतृत्वकारी मंच है. इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) द्वारा किया जा रहा है. आयोजन में गिफ्ट-सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) और ब्लूमबर्ग सहयोग कर रहे हैं. कार्यक्रम आज और चार दिसंबर को होगा. फोरम के पहले आयोजन में इंडोनीशिया, दक्षिण अफ्रीका और यूके साझीदार देश हैं. इनफिनिटी-फोरम के जरिये नीति, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व की जानी-मानी प्रतिभायें एक साथ आयेंगी और इस बात पर गहन विमर्श करेंगी कि कैसे प्रौद्योगिकी और नवाचार को फिन-टेक उद्योग में इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि समावेशी विकास हो और बड़े पैमाने पर सबकी सेवा हो.


फोरम का एजेंडा ‘बियॉन्ड’ (सर्वोच्च) विषय पर केंद्रित है. इसमें विभिन्न उप-विषय शामिल हैं, जैसे ‘फिन-टेक बियॉन्ड बाऊंड्रीज,’(वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च सीमा तक), जिसके तहत सरकारें और व्यापार संस्थायें वित्तीय समावेश को प्रोत्साहित करने के लिये भौगोलिक सरहदों के परे ध्यान देंगी, ताकि वैश्विकसमूह का विकास हो सके. ‘फिन-टेक बियॉन्ड फाइनेन्स’(वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च वित्त तक), जिसके तहत स्पेस-टेक, ग्रीन-टेक और एग्री-टेक जैसे उभरते क्षेत्रों में एकरूपता लाई जा सके और सतत विकास हो सके. फोरम में 70 से अधिक देश हिस्सा ले रहे हैं.


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