देश में महंगाई दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है. पेट्रोल-डीजल से लेकर फल और सब्जियों के दाम आसमान पर हैं. खाने वाले तेल की कीमत भी लगातार बढ़ने से किचन के बजट पर काफी असर पड़ा है. हालांकि सरसों तेल के दाम में मामूली कमी देखी गई है. रसोई गैस की कीमतें भी काफी बढ़ गई है जिससे गैस सिलेंडर खरीद पाना मुश्किल हो रहा है. गेहूं, चावल, आटा, दाल और तेल के दाम में पिछले महीने की तुलना में ही काफी इजाफा हुआ है.


पेट्रोल की कीमतों में पिछले एक महीने की तुलना में करीब 10 फीसदी का इजाफा देखा गया है. डीजल की कीमतों में भी पिछले महीने की तुलना में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है. जबकि एलपीजी के दाम में पिछले महीने की तुलना में करीब 6 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. आईए जानते हैं कि पिछले एक महीने में किन-किन चीजों के दाम बढ़े हैं और किन-किन चीजों के दाम में मामूली कमी देखी गई है.







मार्च महीने में भारत की खुदरा महंगाई दर 17 महीने के उच्च स्तर के साथ 7 प्रतिशत के करीब पहुंची

खाद्य पदार्थों की उच्च लागत, साथ ही महंगे ईंधन और कपड़ों और जूतों जैसे विनिर्मित सामानों ने मार्च 2022 में भारत की खुदरा महंगाई दर को 17 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचा दिया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा मंगलवार को प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पिछले महीने फरवरी 2022 में 6.07 प्रतिशत से बढ़कर 6.95 प्रतिशत हो गया है. इसी तरह, साल-दर-साल आधार पर, पिछले महीने की खुदरा महंगाई मार्च 2021 में दर्ज कीमतों में 5.52 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में तेज दर से बढ़ी. यह प्रवृत्ति महत्व रखती है, क्योंकि खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक की लक्ष्य सीमा से काफी ऊपर रही, जिसका सीपीआई लक्ष्य 2 से 6 प्रतिशत है.


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