Influenza Virus H3N2 Risk In Holi Celebration: कोरोना के बाद देशभर में इन्फ्लूएंजा वायरस तेजी से फैल रहा है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक, बीते दो-तीन महीनों में इन्फ्लूएंजा टाइप A के सबटाइप H3N2 के केसों में इजाफा हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि ये वायरस भीड़भाड़ वालों स्थानों में आसानी से फैलता है.
देश के टॉप मेडिकल संस्थानों के डॉक्टर्स ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है और देश में होली के मद्देनजर सतर्कता बरतने की सलाह दी है. जैसा की जाहिर है इस वायरस के फैलने के लिए भीड़ ही काफी है तो होली का त्योहार मेडिकल निर्देशों को ध्यान में रखते हुए मनाना ही समझदारी भरा कदम है.
डीजीपी ने ली वायरस को लेकर बैठक
आरएमएल अस्पताल के निदेशक डॉ. अजय शुक्ला ने बताया, "कल (6 March) स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक ने केंद्रीय अस्पतालों के वरिष्ठ अधिकारियों और चिकित्सा के विशेषज्ञों के साथ बैठक की. खास तौर से H3N2: वायरल संक्रमण पर कोविड खत्म हो गया है लेकिन कई अन्य वायरल संक्रमण अभी भी मौजूद हैं."
डॉ शुक्ला का कहना है कि कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए ये संक्रमण गंभीर हो सकता है. अगर लोग मास्क का इस्तेमाल जारी रखेंगे तो इससे काफी मदद मिलेगी. साथ ही, हम इस वायरस के लिए वैक्सीनेशन शुरू करने का फैसला ले रहे हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि H3N2 संक्रमण अभी हवा में मौजूद है, लेकिन यह कोविड वेरिएंट नहीं है.
आरएमएल अस्पताल के एमडी (चेस्ट) डॉ. अमित सूरी का कहना है, "हमारे पास रोजाना वायरल संक्रमण के 20-25 फीसदी मामले आ रहे हैं. कई मरीज बुजुर्ग हैं. कोविड महामारी के दौरान पालन किए गए सभी कदमों का पालन करने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए."
H3N2 एक तरह का इन्फ्लूएंजा वायरस है
इन्फ्लूएंजा वायरस पर मेदांता के इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन एंड रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन के अध्यक्ष और चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है किH3N2 एक तरह का इन्फ्लूएंजा वायरस है, जो हम हर साल साल के इस वक्त में देखते हैं. लेकिन यह एक वायरस है जो वक्त के साथ म्यूटेट होता है जिसे एंटीजेनिक ड्रिफ्ट कहा जाता है.
साल पहले एक महामारी-H1N1, वायरस का वर्तमान सर्कुलेटिंग स्ट्रेन H3N2 है, इसलिए यह एक सामान्य इन्फ्लूएंजा स्ट्रेन है. उनका कहना है कि इसलिए मौजूदा वक्त में हम इन्फ्लूएंजा के केसों में बढ़ोतरी देख रहे हैं. इसके मरीजों में बुखार, गले में खराश खांसी, शरीर में दर्द और नाक बहने के मामले बढ़ रहे हैं.
डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि ये कोविड (COVID) की तरह ही फैलता है. केवल उन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, जिन्हें अन्य तरह की बीमारियां (Associated Comorbidities) हैं. एहतियात के तौर पर मास्क पहनें, बार-बार हाथ धोएं, फिजिकल डिस्टेंसिंग रखें. इन्फ्लूएंजा के लिए भी उच्च जोखिम वाले समूह और बुजुर्गों के लिए एक वैक्सीन है.
क्या सावधानियां बरतें?
भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें.
मास्क का इस्तेमाल करें.
बार-बार आंखों और नाक को छूने से परहेज करें.
खांसते और छींकते वक्त मुंह और नाक रुमाल से ढक कर रखें.
पब्लिक प्लेस पर थूकने से बचें.
हाथ मिलाने या किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क से बचें.
बगैर डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से परहेज करें.
कितना है खतरा?
इन्फ्लूएंजा के अधिकतर मरीज बगैर किसी मेडिकल केयर के सेहतमंद हो जाते हैं, लेकिन कुछ केसों में ये गंभीर हो सकता है और मरीज की जान भी जा सकती है. डब्ल्यूएचओ के निर्देशों पर गौर किया जाए तो जोखिम के दायरे में आने वाले लोगों के जान जाने के अधिक केस होते हैं.
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