नई दिल्ली: नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच मोदी सरकार लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए कदम उठाने जा रही है. सरकार एनपीआर के लिए भरे जाने वाले फॉर्म में कुछ बदलाव करने पर राज़ी हो गई है. सबसे बड़ा बदलाव जुड़ा है फॉर्म में माता पिता के जन्मस्थान से जुड़ी जानकारी के संबंध में. सूत्रों के मुताबिक़ सरकार इस जानकारी को वैकल्पिक बनाने जा रही है. मतलब ये हुआ कि अगर कोई इस बारे में जानकारी नहीं देना चाहते हैं तो वो ऐसा कर सकेंगे. एनडीए की शुक्रवार को हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ये जानकारी दी.
माता-पिता की जानकारी का नागरिकता से कोई संबंध नहीं
बैठक में अमित शाह ने कहा कि लोगों की शंकाओं को दूर करने के लिए सरकार कुछ और अहम बदलाव करने पर विचार कर सकती है. सरकार एनपीआर फॉर्म में इस बात का ऐलान करते हुए ज़िक्र करेगी कि इसमें दी गई किसी भी जानकारी का नागरिकता से कोई लेना देना नहीं है. दूसरा अहम बदलाव ये होगा कि सरकार इस फॉर्म में साफ-साफ लिखेगी कि अगर कोई व्यक्ति अपने माता पिता के जन्मस्थान और जन्मतिथि की जानकारी नहीं देते हैं या गलत देते हैं तो उन्हें संदेहास्पद व्यक्ति की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा. अभी तक ये प्रावधान था कि अगर एनपीआर फॉर्म में कुछ गलत जानकारी दी जाती है तो ऐसी जानकारी देने वालों को संदेहास्पद माना जाएगा.
जेडीयू और अकाली दल ने की थी मांग
गुरुवार की बैठक में जेडीयू ने ये मांग रखते हुए इन बदलावों की मांग की थी. पार्टी की ओर से ललन सिंह ने माता-पिता की जानकारी वाले कॉलम को हटाने की मांग की थी. अकाली दल ने भी जेडीयू की इस मांग का समर्थन किया था. गौरतलब है कि एनपीआर को कुछ राजनीतिक दल एनआरसी के पहले चरण के तौर पर जनता के सामने रख रहे हैं. जनता के सामने इन्हीं दुविधाओं को खत्म करने के लिए मोदी सरकार एनपीआर फॉर्म में कुछ बदलाव कर सकती है.
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