LAC पर भारतीय सैनिकों से छिटपुट लड़ाई और संघर्ष के चीन की पीएलए सेना डंडे, भाले, पत्थर और दूसरे गैर-घातक हथियारों का इस्तेमाल करती है. अब भारतीय सैनिक भी खास राएट-गिएर, हेलमेट, ग्लास-शिल्ड और बैटन लेकर एलएसी पर तैनात है. पहली बार सिक्किम से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) की तस्वीरें सामने आई है जिसमें भारतीय सैनिक डंडे लेकर दिखाई पड़ रहे हैं. हालांकि साथ में नाइटविजन इक्यूपमेंट से सुस्जित हथियारबंद सैनिक भी दिख रहे हैं. 


दरअसल, शनिवार को सेना की कोलकता स्थित पूर्वी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने कलिमपोंग स्थित लॉयन स्ट्राइक डिवीजन का दौरा किया था. इस दौरान आर्मी कमांडर ने सिक्किम में चीन सीमा पर तैनात डिवीजन के अंतर्गत आने वाले फॉरवर्ड लोकेशन का दौरा भी किया. वहां तैनात सैनिकों से मुलाकात भी की. इन मुलाकात की तस्वीरें पूर्वी कमान ने आधिकारिक तौर से जारी की हैं. इन तस्वीरों में ही 'आर्मी' लिखी ग्लास शील्ड के साथ हेलमेट और रायट-गिएर यानि दंगों के दौरान पुलिस द्वारा पहने जाने वाली खास पोशक पहन रखी है. इस तरह की तस्वीर पहली बार सामने आई है.




एलएसी पर दोनों देशों के सैनिक फायरिंग नहीं कर सकते
पिछले साल गलवान घाटी की हिंसा के बात भारतीय सेना ने इस तरह के स्पेशल रायट-गिएर का ऑर्डर दिया था. क्योंकि गलवान घाटी और फिंगर एरिया में झड़प के दौरान चीनी सैनिक ऐसे ही रायट-गियर पहने रहते थे. भारत और चीन के बीच हुई संधि के मुताबिक, एलएसी पर दोनों देशों के सैनिक फायरिंग नहीं कर सकते हैं. उस दौरान भारतीय सैनिकों को चीन की पीएलए सेना का मुकाबला करने में खासी दिक्कत आई थी. क्योंकि भारतीय सैनिक इंसास या फिर एके-47 राइफल के साथ ही तैनात होते थे. लेकिन संधि में बंधे होने के कारण फायरिंग नहीं कर पाते थे. 


हालांकि, सरकार ने अब सेना को इस संधि से मुक्त कर दिया है और हालात के हिसाब से जवाबी कारवाई करने का आदेश दिया है. यही वजह है कि पिछले साल 29-30 अगस्त की रात को प्रीएम्टिव-कारवाई के दौरान फायरिंग की घटना भी सामने आई थी. लेकिन अब भारतीय सैनिक भी चीन की पीएलए सेना की तरह रायट-गियर पहनकर एलएसी पर तैनात रहते हैं. 


पूर्वी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने इसी महीने की 1 जून को कोलकता के 'फोर्ट विलियम' में पदभार संभाला था. पदभार संभालने के बाद से वे एलएसी क दौरा कर रहे हैं. पूर्वी कमान के अंतर्गत सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश से सटी चीन सीमा की जिम्मेदारी है. 


ये भी पढ़ें-