नई दिल्ली: सुशांत मौत मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी है और अब सुशांत की मौत के 66 दिन बीत जाने के बाद सीबीआई इस जांच को आगे बढ़ाएगी. लेकिन इस सबके बीच में सवाल यह भी है कि क्या सीबीआई के लिए इस जांच को आगे बढ़ाना इतना आसान रहेगा. यह सवाल इस वजह से यह खड़ा हो रहा है क्योंकि सीबीआई को इस मामले में जो अपनी जांच आगे बढ़ानी है वह उन सबूतों के आधार पर आगे बढ़ानी है. जिन सबूतों को मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने तक के लिए पर्याप्त नहीं माना था सीबीआई उन सबूतों को खंगालेगी.


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मुंबई पुलिस से उन सबूतों और दस्तावेजों को देने को कहा है जो सुशांत सिंह राजपूत मौत से जुड़े हुए हैं. लेकिन यहां यह समझना भी जरूरी है कि ये वहीं सबूत और दस्तावेज हैं जिनको देखने के बाद मुंबई पुलिस ने घटना के 2 महीने बाद तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की थी. जिसके बाद परिवार ने मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए पटना में एफआइआर दर्ज करवाई थी.


मुंबई पुलिस के जुटाए गए सबूतों को आधार बनाकर जांच शुरू करेगी सीबीआई


सीबीआई को अपनी शुरुआती जांच मुंबई पुलिस के इकट्ठा किए गए सबूत और दस्तावेजों के आधार पर ही आगे बढ़ानी पड़ेगी. इन सबूतों में मौका व वारदात से उठाए गए सबूत और सुशांत की डायरी जैसे कई अहम दस्तावेज शामिल है. इसके अलावा सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और उन लोगों की सूची शामिल है जो उस दौरान सुशांत के घर पर मौजूद थे. इतना ही नहीं सुशांत की कॉल रिकॉर्ड डिटेल भी मुंबई पुलिस सीबीआई को सौंपेगी.


सीबीआई नए सिरे से देखेगी मुंबई पुलिस के जुटाए गए सबूतों को


यानी कि इस हिसाब से सीबीआई की जांच शुरुआती तौर पर थोड़ी चुनौती पूर्ण भी कही जा सकती है. लेकिन जांच आगे बढ़ने के साथ ही सीबीआई इस मामले में नए सिरे से मुंबई पुलिस के जुटाये गए सबूतों, दस्तावेजों और गवाहों की पड़ताल करेगी. साथ ही कोशिश करेगी कि इस मामले में सबूतों की वो कड़ी जोड़ी जा सके जिन सबूतों को मुंबई पुलिस ने 2 महीने के दौरान एफआईआर दर्ज करने के लिए उपयुक्त तक नहीं माना था.


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