भोपाल: कोरोना संक्रमण के साथ बढ़ते भेदभाव को लेकर हर कोई चिंतित है. इसे दूर करने के लिए कोरोना नायकों की कहानी को बड़ा हथियार बनाने पर जोर दिया जा रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आयोजित मीडिया मीट में इसे लेकर तमाम विशेषज्ञों ने अपनी बेबाक राय रखी. देवी अहिल्या विश्व विद्यालय इंदौर के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन और बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ की तरफ से मंगलवार को आयोजित मीडिया मीट में कोरोना काल में इस महामारी से संघर्ष और इस चुनौती से निपटने के तरीकों पर खुलकर चर्चा हुई.


भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्वेदी ने कोविड-19 की चुनौतियों, इससे उपजे भेदभाव का जिक्र किया और ग्रामीण इलाकों के अनुभवों को सामने लाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने बताया कि कैसे मीडिया सभी को कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जागरूक करने में सक्षम हुआ.


संजय ने भेदभाव को खत्म करने की चुनौती लेने के लिए मीडिया मीट आयोजित करने को यूनिसेफ का सराहनीय कदम बताया. वरिष्ठ पत्रकार शरद द्विवेदी ने इस मौके पर कहा कि कोरोना के इलाज पर ध्यान देने के साथ ही यह कोरोना योद्घाओं की कहानियों पर फोकस करने का समय है. पत्रकार सुधीर गोरे ने वेबसाइट पर शेयर की गई कोविड 19 योद्घाओं की कहानियां, तथ्य की जांच प्रणाली और मीडिया साक्षरता अभियान की जानकारी दी.