नई दिल्ली: लोकसभा में गुरुवार का दिन हंगामेदार रहा. पहले कोरोना वायरस की चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ और बाद में माहौल तब और बिगड़ गया, जब कोल मंत्रालय के बिल पेश किए जाने के दौरान कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने स्पीकर की टेबल से बिल का पेपर छीन लिया और उसे फाड़ कर फेंक दिया.


उस समय कार्यवाहक स्पीकर के तौर पर वरिष्ठ सांसद रमा सिंह सदन की अध्यक्षता कर रही थीं. इस घटना के बाद आनन फानन में लोकसभा अध्यक्ष के कमरे पर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई और बाद में गौरव गोगोई समेत सात सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. घटना के बाद केंद्र सरकार के संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने बातचीत में साफ कहा कि वह गौरव गोगोई की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने की मांग करेंगे और इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे.


गौरतलब है कि कांग्रेस बजट सत्र के दूसरे चरण में पहले दिन से ही दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग कर रही थी. जिसकी वजह से सोमवार से शुरू हुआ बजट सत्र का दूसरा चरण एक भी दिन चल नहीं सका. सोमवार को कांग्रेस सांसदों ने हंगामा किया, मंगलवार को भी यह गतिरोध जारी रहा. बुधवार को भी कांग्रेस के सांसदों ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी. गुरुवार को सुबह सदन की कार्यवाही शुरू तो हुई, लेकिन कोरोना वायरस पर चर्चा के दौरान जमकर हो हल्ला मचा. सदन की स्थिति तब और बिगड़ गई जब दोपहर 2 बजे सदन की चर्चा शुरू होते ही कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने स्पीकर की टेबल से बिल की कॉपी छीन ली.

दरअसल उस समय खुद संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी कोल मंत्रालय का एमएमडीआर बिल पेश कर रहे थे. गौरव गोगोई द्वारा पेपर छीनने के बाद सदन का माहौल बिगड़ गया और सदन स्थगित कर दी गई. सदन में हुए हमले के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के कमरे में एक बैठक बुलाई गई. जिसने संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल घटना के दौरान कार्यवाहक स्पीकर रमा देवी मौजूद रहे. करीब आधे घंटे तक चली बैठक के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई समेत मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापपन, डीन कुरियाकोश, आर उन्नीथन, बेनी बहना और गुरजीत औजला को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया.


संसदीय कार्य मंत्री कैलाश जोशी ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष से गौरव गोगोई की सदस्यता रद्द किए जाने की मांग करेंगे. इसके लिए जल्द ही वह एक पत्र सौंपेंगे. क्योंकि जिस तरह से कांग्रेस के सांसदों ने अनुशासनहीनता की है. वह अब तक के संसदीय इतिहास में नहीं हुई और यह सदन की गरिमा के खिलाफ है. ऐसी घटनाओं को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए. इसलिए ऐसे सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई होनी बहुत जरूरी है.




जोशी ने बताया कि इस पूरी घटना को लेकर एक संसदीय जांच कमेटी गठित करने को मंजूरी दी गई है. इसे जल्दी गठित किया जाएगा और वह कमेटी गौरव गोगोई समेत अन्य सांसदों की भूमिका की जांच करेगी.


हनुमान बेनीवाल की टिप्पणी को रिकॉर्ड से हटाया गया
लोकसभा में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी को रिकॉर्ड से हटाते हुए उसे स्पंज कर दिया गया. दरअसल कोरोना वायरस को लेकर लोकसभा में चर्चा के दौरान हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह दोनों लोग इटली से ताल्लुक रखते हैं और इनके यहां इटली के लोगों का आना जाना भी रहता है. इन दोनों लोगों की जांच होनी चाहिए कि कहीं यह लोग भी कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं है.


उनके इस बयान के बाद लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस के सदस्यों ने लोकसभा नहीं चलने दी और उनके बयान पर प्रतिक्रियाएं दी. हनुमान बेनीवाल के बयान पर मचे घमासान के बाद आनन-फानन में लोकसभा अध्यक्ष के आदेश पर उनके बयान को रिकॉर्ड से हटा दिया गया. स्पंज कर दिया गया. इसी बयान की प्रतिक्रिया में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने स्पीकर की टेबल से पेपर खींचे थे. दरअसल कांग्रेस के लोग नहीं चाहते थे कि सदन चले.


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