समंदर में दहाड़ेगा 'बाहुबली' INS Imphal, एटॉमिक वॉर में भी 2-2 हाथ करने की है ताकत, जानें वॉरशिप के बारे में सब
IANS Imphal Commissioned: भारतीय नौसेना में आज आईएनएस इम्फाल को कमीशन किया गया. इसका नाम उत्तर पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है. इसे मिसाइल डिस्ट्रॉयर के तौर पर बनाया गया है.
INS Imphal Speciality: भारतीय नौसेना अपने लेटेस्ट स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर 'इम्फाल' को बेड़े में शामिल कर लिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आज मंगलवार (26 दिसंबर) को इसे नौसेना में शामिल किया गया. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इम्फाल पहला वॉरशिप है, जिसका नाम उत्तर पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है.
20 अक्टूबर 2023 को इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था. मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा इम्फाल वॉरशिप ने नवंबर 2023 में लांग-रेंज सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो बेड़े में शामिल किए जाने (कमीशनिंग) से पहले किसी भी स्वदेशी वॉरशिप के लिए पहली ट्रायल था.
सतह से सतह और हवा में मार करने में सक्षम
163 मीटर लंबाई, 7,400 टन वजन और 75 प्रतिशत स्वदेशी मटीरियल से बनी इम्फाल भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली वॉरशिप में से एक है. यह समुद्र में 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है और यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और सेंसर से लैस है.
एटॉमिक वार में भी संभाल सकती है मोर्चा
इस वॉरशिप में एक आधुनिक निगरानी रडार (monitoring radar ) लगा हुआ है, जो इसके टारगेट को आसानी से डिटेक्ट करने में मदद करता है. इसकी पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताएं स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट लॉन्चर, टॉरपीडो लॉन्चर और एएसडब्ल्यू हेलिकॉप्टरों से मिलती हैं. यह वॉरशिप परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) हमलों के हालात में भी लड़ने में सक्षम है.
इम्फाल वॉरशिप में मौजूद कुछ प्रमुख स्वदेशी हथियारों में स्वदेशी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, टॉरपीडो ट्यूब, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर, सुपर रैपिड गन माउंट के अलावा लड़ाकू प्रबंधन प्रणाली, एकीकृत प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणाली, स्वचालित पावर प्रबंधन प्रणाली, फोल्डेबल हैंगर डोर, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम, क्लोज-इन वेपन सिस्टम और झुके हुए माउंटेड सोनार शामिल हैं.
- INS इम्फाल
. नाम – पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर की राजधानी के नाम पर
. डिजाइन - युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो
. निर्माण - मझगांव डॉक लिमिटेड, मुंबई
. कमीशनिंग के बाद कहां शामिल हो जाएगा - पश्चिमी नौसेना कमान में
. लंबाई - 163 मीटर
. वजन - 7,400 टन वजन
. स्वदेशी सामग्री - 75 फीसदी
. स्पीड - 30 समुद्री मील से अधिक - INS इम्फाल की टाइमलाइन
. 19 मई 2017 – बनना शुरू हुआ
. 16 अप्रैल 2019 – राष्ट्रपति ने मंजूरी दी
. 20 अप्रैल 2019 - पानी में उतारा गया
. 28 अप्रैल 2023 - अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना
. 20 अक्टूबर 2023 - भारतीय नौसेना को सौंपा गया
. नवंबर 2023 - ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण
. 28 नवंबर 2023 - INS इम्फाल के शिखर का अनावरण - इन अत्याधुनिक स्वदेशी हथियारों से है लैस
. सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल
. सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल
. टॉरपीडो ट्यूब
. पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर
. सुपर रैपिड गन माउंट के अलावा लड़ाकू प्रबंधन प्रणाली
. एकीकृत प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणाली
. स्वचालित पावर प्रबंधन प्रणाली
. फोल्डेबल हैंगर डोर
. हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम
. क्लोज-इन वेपन सिस्टम
इन कंपनियों ने मिलकर बनाया
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इसे बनाने में कई बड़ी कंपनियों ने काम किया है. इनमें बीईएल, एलएंडटी, गोदरेज, मरीन इलेक्ट्रिकल, ब्रह्मोस, टेक्निको, किनेको, जीत एंड जीत, सुषमा मरीन, टेक्नो प्रोसेस जैसे एमएसएमई ने शक्तिशाली इम्फाल के निर्माण में योगदान दिया है.