अब दुश्मनों की खैर नहीं, भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुई पनडुब्बी INS खंडेरी
दुश्मनों में खौफ़ पैदा करने के लिए भारतीय नौसेना की पनडुब्बी INS खंडेरी तैयार है. यह 12 हजार किमी की दूरी तक गहरे पानी में सफर कर सकती है.
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा हुआ है. भारतीय नौसेना में कलावरी क्लास सबमरीन यानी पनडुब्बी INS खंडेरी शामिल हो गई है. नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए आईएनएस खंडेरी को नौसेना को 19 सितंबर को सौंप दिया गया था.
आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद मुंबई में इसकी कमिशनिंग की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम अब दुश्मन को पहले से बड़ा झटका देने में सक्षम हैं. राजनाथ सिंह ने कहा, ''पाकिस्तान को समझ जाना चहिये कि आईएनएस खंडेरी के जरिये हम जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान के हमले को जवाब देने में सक्षम हैं.''
उन्होंने कहा, ''यह बेहद गर्व की बात है कि भारत उन चुनिंदा देशों में है जो अपनी पनडुब्बियों का निर्माण खुद कर सकता है.'' रक्षा मंत्री ने कहा, ''हमारे क्षेत्र में जो भी शांति भंग करेगा भारतीय नौसेना उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. कुछ ऐसी ताकते हैं जो भारत के तटीय क्षेत्र में मुंबई जैसे हमले दोबारा करना चाहती है, हम ऐसा होने नहीं देंगे.''
बता दें कि आईएनएस खंडेरी भारत की दूसरी स्कॉर्पियन-वर्ग की मारक पनडुब्बी है, जिसे पी-17 शिवालिक वर्ग के युद्धपोत के साथ नौसेना में शामिल किया गया. ये पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबी, 12.3 मीटर ऊंची और 1565 टन वजनी है. इसमें लगभग 11 किलोमीटर लंबी पाइप फिटिंग है और लगभग 60 किलोमीटर की केबल फिटिंग की गई है. स्पेशल स्टील से बनी सबमरीन में हाई टेंसाइल स्ट्रेंथ है, जो अधिक गहराई में जाकर काम करने की क्षमता रखती है. खंडेरी पनडुब्बी 45 दिन तक पानी में रह सकती है. स्टील्थ टेक्नोलॉजी से यह रडार की पकड़ में नहीं आती और किसी भी मौसम में कार्य करने में सक्षम है.
Defence Minister Rajnath Singh at Commissioning of INS Khanderi in Mumbai: Pakistan should understand that today with strong resolve of our government and advancement in naval capacity with additions like INS Khanderi, we are capable of giving much bigger blow to it. pic.twitter.com/ShkY5sugxX
— ANI (@ANI) September 28, 2019
आईएनएस खंडेरी के भीतर 360 बैटरी सेल्स है. प्रत्येक बैटरी सेल्स का वजन 750 किलो के करीब है. इसके भीतर दो 1250 केडब्ल्यू डीजल इंजन है. आईएनएस खंडेरी 45 दिनों के सफर पर जा सकता है. इन्ही बैटरियों के दम पर आईएनएस खंडेरी 6500 नॉटिकल माइल्स यानी करीब 12000 किमी का रास्ता तय करती है. ये सबमरीन 350 मीटर तक की गहरायी में भी जाकर दुश्मन का पता लगाती है. इसके टॉप स्पीड की बात करें तो ये 22 नोट्स है.
Weather Gods join #IndianNavy to welcome #INSKhanderi in their fold. https://t.co/RlGzM6Vwy2 pic.twitter.com/tO2CvONIsk
— SpokespersonNavy (@indiannavy) September 28, 2019
खंडेरी का मोटो है अखंड, अभेद्य और अदृश्य और इसी मोटो पर खंडेरी खरी उतरती है. इस सबमरीन को साइलेंट किलर भी कहा जा सकता. इसके भीतर एडवांस वेपन है, जो युद्ध जैसे समय में आसानी से दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकती है. जैसे सबसे ज़रूरी इसके पीछे के हिस्से में चुम्बकीय प्रणोदन मोटर जिसकी तकनीक को फ्रांस से लिया गया है. इसकी वजह से इसके अंदर से आने वाली आवाज़ को बाहर नहीं आने दिया जाता.
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