अरब सागर में पाकिस्तान और चीन के साझा युद्धभ्यास को आईएनएस विक्रमादित्य देगा जवाब
उप नौसेनाध्यक्ष, वाइस एडमिरल एम एस पवार ने आईएनएस विक्रमादित्य पर मिग-29के लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन देखकर कहा है कि अपने नाम की तरह विक्रमादित्य किसी भी लड़ाई में हमेशा विजय हासिल करेगा.
नई दिल्ली: अरब सागर में पाकिस्तान और चीन के साझा युद्धभ्यास का जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना ने अपने एयरक्राफ्ट कैरियर, विक्रमादित्य को तैनात कर दिया है. आईएनएस विक्रमादित्य ने अरब सागर में अपने हवाई ऑपरेशन शुरू कर दिए हैं. जिसकी समीक्षा के लिए दिल्ली से खुद उप नौसेनाध्यक्ष वहां पहुंचे.
उप नौसेनाध्यक्ष, वाइस एडमिरल एम एस पवार ने आईएनएस विक्रमादित्य पर मिग-29 के लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन देखकर कहा है "अपने नाम की तरह विक्रमादित्य किसी भी लड़ाई में हमेशा विजय हासिल करेगा." उन्होनें विक्रमादित्य को "क्वीन ऑफ बैटल" का खिताब दिया है.
नौसेना के प्रवक्ता के मुताबिक, करीब एक हफ्ते के लिए आईएनएस विक्रमादित्य को अरब सागर में सामरिक कारणों से तैनात किया गया है. इस दौरान उस पर मिग-29के लड़ाकू विमान, कामोव और एएलएच हेलीकॉप्टर तैनात हैं और एयर ऑपरेशन्स कर रहे हैं.
आपको बता दें कि इन दिनों अरब सागर में चीन और पाकिस्तान की नौ सेनाएं साझा युद्धभ्यास, ''सी-गार्जियन 2020'' कर रही हैं. इस युद्धभ्यास में चीन के चार जंगी जहाज और पनडुब्बी हिस्सा ले रहे हैं. पाकिस्तानी नौसेना के दो युद्धपोत और एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट हिस्सा ले रहे हैं.
गौरतलब है कि पाकिस्तानी नौसेना भारत के मुकाबले काफी कमजोर है, लेकिन चीन की नौसेना बेहद ताकतवर है. यही वजह है कि चीन अब पाकिस्तानी नौसेना के लिए पनडुब्बी बनाने का का काम भी कर रहा है. साथ ही पाकिस्तान में ग्वादर पोर्ट भी तैयार कर रहा है. हाल ही में चीन ने अफ्रीकी देश, जिबूती में चीन की सीमा से बाहर अपना मिलिट्री-बेस तैयार किया है. जिबूती तक पहुंचने के लिए चीन की नौसेना को अरब सागर से ही दाखिल होना पड़ता है.
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