INS Vikrant Bell: आईएनएस विक्रांत को पुराना घंटा वापस मिला, 1961 से 1997 तक रहा है कई जंगों का साक्षी
Indian Navy: पुराने आईएनएस विक्रांत पर लगा ये पारंपरिक घंटा एक गौरवशाली इतिहास का हिस्सा रहा है, क्योंकि यह 1971 की पाकिस्तान से लड़ाई में युद्धपोत पर लगा हुआ था.
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INS Vikrant Aircraft Carrier: देश के सबसे पहले आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर साल 1961 में लगाई गई घंटा (Bell) अब भारत में बने नए विमानवाहक पोत 'आईएनएस विक्रांत' को दे दी गई है. यह घंटी 36 सालों तक पुराने आईएनएस विक्रांत पर लगी रही और भारतीय नौसेना का हिस्सा थी.
विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को पिछले साल 2 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने कोच्चि में भारतीय नौसेना को कमीशन किया था. यह घंटा 1961 में पहले आईएनएस विक्रांत पर लगा रहा. इस साल भारत ने ब्रिटिश मूल के विमान वाहक एचएमएस हरक्यूलिस को खरीदा था, जिसे बाद में भारतीय नाम दिया था.
1997 तक काम करती रही
नौसेना के अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "घंटा देश के पहले आईएनएस विक्रांत पर लगा था, जो सेवामुक्त होने से पहले 1997 तक काम करता रहा. बाद में घंटी को पोत से हटाकर भारतीय नौसेना के दिल्ली स्थित वाइस चीफ के आवास 5, मोतीलाल नेहरू मार्ग पर रखवा दिया गया था."
घंटे का ये है काम
अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर घंटा युद्धपोतों पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो नाविकों को आपात स्थिति के दौरान समय का संकेत देने में मदद करते हैं. पिछले महीने 22 मार्च को नौसेना के सेवानिवृत्त उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने घंटे को आईएनएस विक्रांत को लौटा दिया था.
वाइस चीफ ने घंटा वापस करने का फैसला किया
अधिकारियों ने बताया कि पिछले वाइस चीफ ने घंटा वापस करने का फैसला किया था क्योंकि नौसेना को अपना पहला 'मेड-इन-इंडिया' स्वदेशी विमान वाहक मिल गया है. इससे देश के युवाओं को अपने जहाज और भारतीय नौसेना के समृद्ध इतिहास के बारे में प्रेरित करने का एक बेहतर उद्देश्य पूरा होगा.
घंटे का गौरवशाली इतिहास
पुराने आईएनएस विक्रांत पर लगा ये पारंपरिक घंटा एक गौरवशाली इतिहास का हिस्सा रही है, क्योंकि यह 1971 की पाकिस्तान से लड़ाई में युद्धपोत पर लगा हुआ था. आईएनएस ने उस समय बमबारी करके कराची बंदरगाह को अवरुद्ध कर दिया था.
आईएनएस विक्रांत ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गई जंगों में सक्रिय भूमिका निभाई है. इसे देश की सुरक्षा करने के लिए प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया था.
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