(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
प्रधानमंत्री से सवाल पूछने के बजाय जनता को अपनी चार पीढ़ियों का हिसाब दें राहुल: अमित शाह
चुनाव आयोग ने देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा कर दी है. मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को मतदान होगा जबकि मतगणना 11 दिसंबर को होगी.
इंदौर: मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी का चुनावी शंखनाद करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देश की सुरक्षा, घुसपैठियों की समस्या और किसानों की स्थिति जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस की पिछली सरकारों पर शनिवार को जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी सरकार के कामों के बारे में सवाल करने के बजाय सत्ता के शीर्ष पर रहीं अपनी चार पीढ़ियों के काम-काज का हिसाब दें.
शाह ने दशहरा मैदान में बीजेपी के कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा, "राहुल आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के गांव-गांव में घूमकर प्रधानमंत्री से सवाल कर रहे हैं कि उनकी सरकार ने पिछले साढ़े चार साल में क्या किया है? हमें आपको (कांग्रेस अध्यक्ष) जवाब देने की जरूरत नहीं है. लेकिन देश की जनता आपसे (कांग्रेस अध्यक्ष) आपकी चार पीढ़ियों का हिसाब मांग रही है."
चुनाव आयोग ने देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा कर दी है. मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को मतदान होगा जबकि मतगणना 11 दिसंबर को होगी. बीजेपी अध्यक्ष शाह ने कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकारें "वन रैंक, वन पेंशन योजना" लागू करने की सैनिकों की 40 साल पुरानी मांग पूरी नहीं कर सकी. लेकिन, मोदी सरकार ने इस योजना को अमली जामा पहनाते हुए सैनिकों को 10,000 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया.
गुजरे अरसे में बड़े किसान आंदोलनों के गवाह रहे मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरूआत करते हुए शाह ने किसानों के मुद्दे को भी छुआ. उन्होंने कहा, "आपकी सरकारों (कांग्रेस नीत शासनकाल) ने अन्नदाताओं को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं दिया जबकि, वे पिछले 70 साल से इसकी मांग कर रहे थे.
कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए देश की सुरक्षा को ताक पर रखा: बीजेपी अध्यक्ष लेकिन मोदी सरकार ने रबी और खरीफ फसलों के लिए खेती की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर किसानों की यह मांग पूरी की." बीजेपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की पहले की सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के लिए देश की सुरक्षा को ताक पर रख दिया.
शाह ने कहा, "1990 के दशक में पाकिस्तान के भेजे आतंकवादी सरहद लांघकर जम्मू-कश्मीर में घुसते थे और हमारे जवानों के सिर काटकर ले जाते थे. लेकिन मोदी ने हमारी सेना के रणबांकुरों को सरहद पार भेजा जिन्होंने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कर हमारे जवानों की मौत का बदला लिया." उन्होंने कहा, "राहुल ने बयान दिया था कि प्रधानमंत्री सैनिकों के खून की दलाली कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष को शहादत का मोल पता नहीं है. वरना वह इस तरह के शब्दों का प्रयोग नहीं करते."
बीजेपी अध्यक्ष ने अपने कांग्रेसी समकक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "राहुल सर्जिकल स्ट्राइक की अहमियत देखने में इसलिए असमर्थ हैं क्योंकि उनकी आंखों पर इटली का बना हुआ चश्मा चढ़ा है." शाह ने आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस सरकारों के राज में घुसपैठ के लिये सरहदें खुली छोड़ देने के चलते देश में करोड़ों घुसपैठिये दाखिल हो गए और इन्हें देश से बाहर निकालने के लिए कदम नहीं उठाए गए.
राहुल वोट मांगने से पहले घुसपैठियों की समस्या पर अपना रुख स्पष्ट करें: शाह उन्होंने कहा, "बीजेपी सरकार ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) बनाकर 40 लाख घुसपैठियों को पहली नजर में चिन्हित किया. ऐसा करने से कांग्रेस, टीएमसी, एसपी, बीएसपी सरीखे दल इस तरह हाय-तौबा मचाने लगे जैसे इनकी नानी मर गयी हो." शाह ने मांग की कि राहुल गांधी मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में जनता से कांग्रेस के लिए वोट मांगने से पहले घुसपैठियों की समस्या पर अपना रुख स्पष्ट करें.
उन्होंने आगामी चुनावों में मध्यप्रदेश और देश में बीजेपी को दोबारा विजयी बनाने की मतदाताओं से अपील की और कहा, "हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि हम घुसपैठियों को चुन-चुन कर पूरे देश से बाहर निकालेंगे, क्योंकि हम वोट बैंक की राजनीति नहीं करते और हमारे लिए देश की सुरक्षा सर्वोपरि है." पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर घुसपैठियों के मामले में गिरगिट की तरह रंग बदलने का आरोप लगाते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, "पहले ममता घुसपैठियों के खिलाफ आवाज उठाती थीं. लेकिन अब चूंकि घुसपैठिये उनकी पार्टी को वोट देते हैं. इसलिए वह कह रही हैं कि घुसपैठियों को देश में ही रहने दिया जाए."
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