प्यार न रंगभेद, न जातिवाद, न ऊंच-नीच.. कुछ नहीं देखता, परिस्थितियां चाहे कैसी भी हों, प्यार तो बस हो जाता है. कुछ ऐसा ही वाकया चेन्नई में हुआ जहां, दो मनोरोगी अपना इलाज करवाने पहुंचे थे, लेकिन दोनों प्रेमी जोड़ों के दिल कब एक हो गए उन्हें खुद भी नहीं पता चला. दरअसल, दोनों मनोरोगी प्रेमी जोड़े चेन्नई के 228 साल पुराने इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के कैंपस में इलाज कराने गए थे. 


इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के कैंपस में दोनों की प्रेम कहानी आम हो चली थी, लोग इनके बारे में जानने लगे कि दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते. पहले तो दोनों को अलग करने के कोशिशें की गईं लेकिन, जब अस्पताल प्रशासन को यह अहसास हुआ कि दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते तो दोनों प्रेमी जोड़ों को उनकी जिंदगी जीने के लिए छोड़ दिया गया. मेंटल अस्पताल में ही दोनों का प्यार परवान चढ़ा और अब दोनों जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले हैं. 


दो मनोरोगी एक होने जा रहे...
इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ (IMH) के सवा दो सौ साल से भी ज्यादा के इतिहास में शायद यह पहला मौका है जब दो मनोरोगी एक होने जा रहे हैं. यहां अस्पताल में दीपा और पी. महेंद्ररन अपना इलाज करवाने के लिए भर्ती हुए थे. दोनों की यह मन:स्थिति उनके परिवार के कारण हुई थी. परिवार में रहते-रहते दोनों की मेंटल स्थिति बिगड़ने लगी, अंत में कोई चारा न देखते हुए ये इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ भर्ती हो गए.  


दोनों की जिंदगी थम गई थी
पी. महेंद्रन की जिंदगी उस समय थम सी गई जब उनके रिश्तेदारों के बीच पारिवारिक संपत्ति को लेकर संघर्ष होने लगा. पारिवारिक संघर्ष को लेकर महेंद्रन की मेंटल हालत दिनों-दिन बिगड़ने लगी, उनके मन में संपत्ति को लेकर डर सताने लगा और मन में चिंता घर कर गई. वहीं, दीपा के पिता की साल 2016 में मृत्यू हो गई. इसके बाद उनकी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव आने लगे, जिंदगी थम गई. घर में मां और बहन के होने के बावजूद वब खुद को अकेली महसूस करने लगीं. उनकी भी मेंटल हालत  दिनों-दिन बिगड़ने लगी.   


इलाज करवाने कब आए? नहीं मालूम
महेंद्रन और दीपा के मेंटल स्थिति का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों को यह नहीं मालूम कि वो इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ में इलाज करवाने कब आए. दोनों का आईएमएच में इलाज चला तो मेंटल हालत में सुधार भी होने लगा. अस्पताल प्रशासन ने दोनों की स्थिति में सुधार को देखते हुए कैंपस के 'हाफ वे होम' में शिफ्ट कर दिया. हाफ वे होम में उन मरीजों को शिफ्ट किया जाता है जिनके स्वास्थ्य में सुधार देखा जाता है. पैंपस की इसी बिल्डिंग में महेंद्रन और दीपा को एक दूसरे से प्यार हुआ. महेंद्रन और दीपा शुक्रवार को पास के ही मंदिर में शादी करने वाले हैं. हालांकि दोनों के यह नहीं मालूम है कि इलाज पूरा होने के बाद कहां जाएं?  


'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक, दीपा ने शादी के बारे में कभी नहीं सोचा था. जबकि महेंद्रन बताते हैं कि दीपा उनके लिए सबकुछ हैं. अस्पताल की डायरेक्टर डॉक्टर पूर्णा चंद्रिका के मुताबिक, "मेरे पास शिकायत आती थी कि दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताते हैं. शिकायत मिलने के बाद उन्होंने दोनों पर प्रतिबंध लगाए, लेकिन दोनों के प्यार के बारे में उन्हें पता चल गया." शादी के बाद महेंद्रन और दीपा इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के कैंपस में नहीं रह सकते हैं. मगर, दोनों का कहना है कि शादी के बाद में वे कैंपस के पास ही किराए के मकान में रहेंगे.