एक्सप्लोरर

खुफिया‌ एजेंसियों का सेना को अलर्ट, म्यांमार सीमा में 38 उग्रवादी कैंप सक्रिय

माना जा रहा है कि भारत और म्यांमार इन उग्रवादी संगठनों के खिलाफ एक बड़ी कारवाई कर‌ सकते हैं. इसकी सहमति हाल ही में उस वक्त बनी जब म्यांमार के गृहमंत्री के नेतृत्व में आए एक प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री राजनाथ‌ सिंह से राजधानी दिल्ली में बैठक की.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की‌ एक्ट-ईस्ट पॉलिसी में एक बड़ा रोड़ा सामने आने वाला है.‌ खुफिया‌ एजेंसियों ने सेना को अलर्ट करते हुए जानकारी दी है कि एक बार फिर‌ से म्यांमार सीमा में 38 उग्रवादी कैंप सक्रिय हो गए हैं.‌ लेकिन माना जा रहा है कि भारत और म्यांमार इन उग्रवादी संगठनों के खिलाफ एक बड़ी कारवाई कर‌ सकते हैं. इसकी सहमति हाल ही में उस वक्त बनी जब म्यांमार के गृहमंत्री के नेतृत्व में आए एक प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री राजनाथ‌ सिंह से राजधानी दिल्ली में बैठक की.

म्यांमार सीमा और मणिपुर में सक्रिय उग्रवादी‌ संगठन और‌ कैंपों के खिलाफ भारतीय सेना की क्या तैयारी चल रही है ये जानने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम सेना आमंत्रण पर म्यांमार सीमा पहुंची. साथ‌ ही मणिपुर में म्यांमार सीमा के करीब लिमाखोंग में भारतीय‌ सेना की फिफ्टी-सेवन (57) माउंटेन डिवीजन भी हमारी टीम पहुंची, जिसे रेड-शील्ड के नाम से भी जाना जाता है. एबीपी न्यूज की टीम वहां पहुंची तो पाया कि भारतीय सैनिक उग्रवादियों के कैंपों को तहस नहस करने और उग्रवादियों के खात्मे का अभ्यास कर रहे हैं.

आपको बताते चलें कि भारतीय सेना ने साल 2015 में म्यांमार सीमा पर सक्रिय उग्रवादी कैंपों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक जैसी एक बड़ी कारवाई की थी.‌ जिसमें उग्रवादियों के आधा दर्जन कैंप तबाह कर दिए गए थे और 60-70 उग्रवादी मारे गए थे. लेकिन तीन साल बाद फिर से ये कैंप सीमा से‌ सटे घने जंगलों में ऑपरेट कर रहे हैं.‌ इसी से निपटने के लिए भारतीय सेना अपने आप को फिर से तैयार कर रही है.‌

लेकिन इन घने जंगलों में ऑपरेशन करना इतना आसान नहीं है क्योंकि ये विद्रोही इन इलाकों से अच्छे से वाकिफ होते हैं इसलिए ये इन घने जंगलों में महीनों तक छिपे रहते हैं.‌‌ एक‌ ऐसे ही ठिकाने का एबीपी न्यूज की टीम ने खुद जायजा लिया.

लेकिन उग्रवादियों के पैतरों का जवाब देना भारतीय सेना को बखूबी आता है. यही वजह है‌ कि सैनिक कैमोफेलाज का इस्तेमाल तो करते ही हैं स्नाईपर्स का भी इस्तेमाल यहां तैनात टुकड़ियां करती हैं. लेकिन ये स्नाईपर्स किसी पेड़ पर नहीं पाताल में छिपकर वार करते हैं. आज तक आपने सुना होगा कि पैरोस्कोप का इस्तेमाल नौसेनाएं पनडुब्बी में करती हैं. लेकिन पहली बार हमने देखा‌ कि थलसेना भी जमीन के नीचे रहकर दुश्मन पर नजर रखती है‌ और जरूरत पड़ने पर पाताल में बंकर बनाकर मोर्चा संभाले स्नाईपर्स एक गोली से ही दुश्मन को निशाना बनाकर ढेर कर देते हैं. ये इसलिए किया जाता है ताकि भागते हुए उग्रवादियों को वहीं ढेर कर दिया जाए.

भारतीय सेना युद्धस्तर पर ये अभ्यास इसलिए कर रही है ताकि आदेश मिलते ही उग्रवादियों के इन 38 कैंप्स पर फिर से बड़ी कारवाई की जा‌ सके. इसके‌ साथ-साथ घने जंगलों में भारतीय सीमा में भी ये उग्रवादी अपना ठिकाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं. अकेले मणिपुर में ही करीब 50 विद्रोही संगठन ऑपरेट करते हैं. जिनमें पीएलए, यूनिएलएफ, एनएससीएन और पेरामपाक जैसे बड़े संगठन शामिल हैं. इसके‌ अलावा नागालैंड और अरूणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में भी ये उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं. सेना के अनुमान के मुताबिक भले ही मणिपुर‌ में परिस्थितियां सामान्य लग रही हो लेकिन अभी भी म्यांमार सीमा पर इन छोटे बड़े कैंपों में चार से पांच हजार (4000- 5000) उग्रवादी सक्रिय हैं.

लेकिन लिमाखोंग स्थित रेड शील्ड डिवीजन के जीओसी, मेजर जनरल विजय मिश्रा के मुताबिक भारतीय‌ सेना किसी भी कीमत पर विद्रोही संगठनों को मणिपुर में पैर जमाने नहीं देगी.

भारतीय‌ सेना इन उग्रवादियों को मणिपुर में इसलिए भी‌ सक्रिय नहीं होने देना चाहती क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक्ट-ईस्ट पॉलिसी में मणिपुर एक अहम हिस्सा है.‌ भारत को म्यांमार और थाईलैंड से जोड़ने वाला एशियन-हाईवे नंबर वन (एएच-1) मणिपुर से ही होकर गुजरता‌ है.‌ मणिपुर की राजधानी इंफाल से म्यांमार सीमा पर बसा आखिरी शहर मोरेह इसी हाईवे पर पड़ता है.‌ ऐसे में सेना और सरकार किसी कीमत पर उग्रवादियों को यहां एक बार फिर से पनपने नहीं देना चाहती.

म्यांमार सीमा पर एफएमआर यानि फ्री मूवमेंट रेजीम का फायदा उठाकर ये उग्रवादी हाईवे पर आकर आईईडी ब्लास्ट या फिर एम्बुश लगाकर हमला करने की फिराक में रहते हैं. यही वजह है कि इस हाईवे पर अभी भी लोग‌ रात में चलने से डरते हैं. दिनभर इसी हाईवे को सुरक्षित करने के लिए सेना और‌ असम राईफल्स के जवान यहां सड़क को‌ सैनेटाइज़ करने में जुटे रहते हैं. आपको बता दें कि भारत‌ और म्यांमार के बीच हुई एफएमआर संधि के तहत सीमा पर रहने वाले स्थानीय लोग एक दूसरे की सीमा में 16-16 किलोमीटर तक आ-जा सकते हैं.‌

हाल ही में सेना मणिपुर में विवादों में भी घिर गई थी. दरअसल सेना, पुलिस और‌ दूसरे सुरक्षाबलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर में फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगे हैं.‌ ये एनकाउंटर 1972 से लेकर 2012 के बीच हुए थे.‌ अलग-अलग समय में हुईं इन मुठभेड़ में 1528 लोग मारे गए हैं.

हालांकि कुल मिलाकर 95 मामले ऐसे हैं जो शक के दायरे में हैं उनमें से 16 मामले सेना और असम राईफल्स से जुड़े हैं. लेकिन मेजर जनरल विजय मिश्रा का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट में जितने भी मामले चल रहे हैं वे सभी आरोप हैं (साबित नहीं हुए हैं). जीओसी की मानें तो‌ इन आरोपों से सैनिकों के मोराल यानि जोश में कोई कमी नहीं आई है.‌ क्योंकि एकाध मामले को छोड़ दें तो "भारतीय सेना मानवधिकारों का खासा ध्यान रखती है.‌" साथ ही ये एनकाउंटर ऐसी परिस्थितियों में 20-30 साल पहले किए गए थे जब मणिपुर में हालात बेहद खराब थे और विद्रोही भारत की 'अखंडता पर हमला बोल रहे थे.'

आपको बता दें कि मणिपुर में पिछले 30-40 साल से आफ्सपा यानि आर्म्ड फोर्स ‌स्पेशल पॉवर एक्ट लागू है. जिसके तहत सेना उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई करती है. मणिपुर में तैनात एक बड़े अधिकारी के मुताबिक, आफ्सपा सेना के लिए एक 'इनेब्लर' यानि कारवाई करने में मदद तो करता ही है‌‌ साथ ही 'प्री-रिक्यूजिट' भी है. यानि सेना के ऑपरेशन इस‌ कानून के तहत ही किए जा सकते हैं.

एबीपी न्यूज‌ से खास बातचीत में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी कहा कि भले ही राज्य में हालात अब सामान्य हैं और‌ आफ्सपा हटाने पर 'विचार किया जा सकता है.' लेकिन वे खुद मानते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अभी आफ्सपा को पूरी तरह नहीं हटाया जा सकता. क्योंकि 'बाहरी ताकतें' उग्रवादियों को ना केवल समर्थन करती हैं बल्कि हथियारों से लेकर फंडिग में भी मदद करती हैं.

मणिपुर के विद्रोहियों को बाहरी ताकतों से मिल रही मदद के चलते ही भारत और म्यांमार इस‌ बात के लिए तैयार हो गए हैं कि दोनों देश 'अपनी-अपनी सीमा' में चल रहे विद्रोही कैंपों के खिलाफ कारवाई करेंगे.

यह भी देखें

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

जो UCC था BJP का बड़ा चुनावी एजेंडा, उसके खिलाफ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी, बोले- मैं भी मो.अली जिन्नाह से सहमत
जो UCC था BJP का चुनावी एजेंडा, उसके खिलाफ शंकराचार्य भी, बोले- मैं जिन्नाह से सहमत
रिलीज से पहले Kamal Haasan की Thug Life ने की 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई, इस मामले में बनाया रिकॉर्ड
रिलीज से पहले कमल हासन की 'ठग लाइफ' ने की 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई, बना रिकॉर्ड!
'कुरान में 38 एरर बताने वाला शख्स बेहद इंटेलीजेंट... सिर्फ मैं ही दे पाया जवाब', जाकिर नाइक ने सुनाया 24 साल पुराना किस्सा
'कुरान में 38 एरर बताने वाला शख्स बेहद इंटेलीजेंट... सिर्फ मैं ही दे पाया जवाब', जाकिर नाइक ने सुनाया 24 साल पुराना किस्सा
बीजेपी विधायक नितेश राणे का विवादित बयान, '24 घंटे के लिए पुलिस को छुट्टी पर भेज दो, हिंदू...'
बीजेपी MLA नितेश राणे का विवादित बयान, '24 घंटे के लिए पुलिस को छुट्टी पर भेज दो, हिंदू अपनी ताकत दिखा देंगे'
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Tirupati Temple Row: तिरुपति मंदिर के प्रसाद विवाद पर केंद्र सरकार ने CM Naidu से मांगी रिपोर्ट |Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में रैली के दौरान PM Modi का कांग्रेस पर बड़ा हमला | Breaking NewsJammu Kashmir: Mehbooba Mufti के बयान का Congress ने किया समर्थन | ABP News | Breaking |Delhi New CM Atishi: 'दिल्ली की जनता केजरीवाल को फिर सीएम बनाएगी'- आतिशी का बड़ा बयान

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
जो UCC था BJP का बड़ा चुनावी एजेंडा, उसके खिलाफ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी, बोले- मैं भी मो.अली जिन्नाह से सहमत
जो UCC था BJP का चुनावी एजेंडा, उसके खिलाफ शंकराचार्य भी, बोले- मैं जिन्नाह से सहमत
रिलीज से पहले Kamal Haasan की Thug Life ने की 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई, इस मामले में बनाया रिकॉर्ड
रिलीज से पहले कमल हासन की 'ठग लाइफ' ने की 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई, बना रिकॉर्ड!
'कुरान में 38 एरर बताने वाला शख्स बेहद इंटेलीजेंट... सिर्फ मैं ही दे पाया जवाब', जाकिर नाइक ने सुनाया 24 साल पुराना किस्सा
'कुरान में 38 एरर बताने वाला शख्स बेहद इंटेलीजेंट... सिर्फ मैं ही दे पाया जवाब', जाकिर नाइक ने सुनाया 24 साल पुराना किस्सा
बीजेपी विधायक नितेश राणे का विवादित बयान, '24 घंटे के लिए पुलिस को छुट्टी पर भेज दो, हिंदू...'
बीजेपी MLA नितेश राणे का विवादित बयान, '24 घंटे के लिए पुलिस को छुट्टी पर भेज दो, हिंदू अपनी ताकत दिखा देंगे'
Cancer: मल में दिखने लगा है कालापन तो ये कैंसर का हो सकता है संकेत, तुरंत करें ये काम
मल में दिखने लगा है कालापन तो ये कैंसर का हो सकता है संकेत, तुरंत करें ये काम
साइबर हमले, आर्थिक दबाव और गलत सूचनाएं... नए युगों के खतरे 'हाइब्रिड वॉर' से IAF चीफ ने किया आगाह
साइबर हमले, आर्थिक दबाव और गलत सूचनाएं... नए युगों के खतरे 'हाइब्रिड वॉर' से IAF चीफ ने किया आगाह
IND vs BAN 1st Test: बांग्लादेश पर कहर की तरह टूटे आकाश दीप, चेन्नई टेस्ट में झटके लगातार दो विकेट
बांग्लादेश पर कहर की तरह टूटे आकाश दीप, चेन्नई में झटके लगातार 2 विकेट
तिरुपति लड्डू विवाद: HC पहुंची जगन की पार्टी, नायडू के आरोपों की जजों की कमेटी से जांच कराने की मांग
तिरुपति लड्डू विवाद: HC पहुंची जगन की पार्टी, नायडू के आरोपों की जजों की कमेटी से जांच कराने की मांग
Embed widget