खुफिया एजेंसियों का अलर्ट: कश्मीर में बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहा है पाकिस्तान
खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को हटने से बौखलाया पाकिस्तान किसी बड़े आंतकी हमले की साजिश रच रहा है. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बताया है कि कम से कम 100 अफगान और पश्तून लड़ाके जम्मू कश्मीर से सटी एलओसी पर मौजूद हैं.
श्रीनगर: कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को हटने से बौखलाए पाकिस्तान ने एक बार फिर से कश्मीर की शांति भंग करने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए एक बार फिर से पाकिस्तान ने अफगान और पश्तून आतंकियों को कश्मीर भेजने का प्लान बनाया है. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सरकार को अलर्ट किया है कि कम से कम 100 अफगान और पश्तून लड़ाके जम्मू कश्मीर से सटी एलओसी पर मौजूद हैं.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर-स्ट्राइक के बाद डर के कारण जिन आतंकी कैंपों को खाली कर आतंकियों को सुरक्षित जगह पर शिफ़्ट किया गया था अब उन्हें भी वापस बुलाया है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इन आतंकियों के लिए बाक़ायदा 10 दिन का एक 'रिफ्रेशर कोर्स' भी चलाया जा रहा है. ये रिफ्रेशर कोर्स पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि पीओके के मनशेरा में चलाया जा रहा है. साथ ही जैश और दूसरे आतंकी संगठनों ने पीओके में आतंकियों के भर्ती-अभियान को तेज कर दिया है.
बहावलपुर में बुलाई गई थी आतंकी तंजीमों की बड़ी बैठक
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक 19-20 अगस्त को बहावलपुर में जैश के हेडक्वार्टर में आतंकी तंजीमों की एक बडी बैठक बुलाई गई थी. इसकी अध्यक्षता मसूद अज़हर के छोटे भाई मौलाना राउफ अजगर ने की थी. राउफ अफगानिस्तान में लड़ चुका है और कश्मीर में भी सक्रिय रहा है. ऐसे में राउफ इस कोशिश में लगा है की ज़्यादा से ज़्यादा अफगानी आतंकियों को भारत में भेजा जा सके. सूत्रों के मुताबिक, राउफ ने इन सभी आतंकी तंजीमों के लांच-कमांडर्स को निर्देश दिए कि एलओसी पर आतंकियों की घुसपैठ को तेज किया जाए.
कश्मीर में 90 के दशक का माहौल बनाना चाहता है पाकिस्तान
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान कश्मीर में 90 के दशक के हालात बनाने की फ़िराक़ में है. 90 के दशक में जम्मू कश्मीर में जिस तरह का आतंकवाद का माहौल था वो पूरी दुनिया के सामने है. कैसे पाकिस्तानी सेना और आईएसआई, विदेशी आतंकियों को भारत में भेज-भेज कर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था. धारा 370 जम्मू कश्मीर से हटने के बाद अब पाकिस्तान फिर से जम्मू कश्मीर में 90 के दशक जैसा माहौल बनाने साज़िश रच रहे है. दरअसल 90 के दशक में कश्मीर में विदेशी आतंकियों की भारमार थी. जिसमें पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और अन्य कई देशो से भी आतंकियों को पाकिस्तान जम्मू कश्मीर मैं भेजता था. लेकिन भारतीय सेना ने सबकी कमर तोड़ दी और विदेशी आतंकी न के बराबर रह गए.
कश्मीर से धारा 144 और कर्फ्यू हटने का इंतजार कर रहा है पाकिस्तान
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एलओसी के क़रीब लीपा-वैली में कम से कम एक दर्जन अफगान आतंकियों के मौजूद होने की पक्की खबर लगी है. यही नहीं पाकिस्तानी सेना की स्पेशल फोर्स, एसएसजी के कम से कम 70 कमांडो भी एलओसी पर किसी बड़े हमले की फिराक में हैं और इन अफगान आतंकियों की मदद कर रहे हैं. खुफिया एजेंसियों ने सरकार को इस बात के लिए भी आगाह किया है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी दिल्ली सहित किसी बड़े शहर में आतंकी हमला करने की फिराक में हैं. इसके लिए आतंकी या तो इन शहरों में घुस चुके हैं या फिर घुसने की फिराक में हैं. आतंकियों के निशाने पर देहरादून में इंडियन मिलेट्री एकेडमी यानि आईएमए भी है.
भारत सरकार के सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया कि पाकिस्तान कश्मीर से धारा 144 और कर्फ्यू हटने का इंतजार कर रहा है. बंदिशों के हटते ही पाकिस्तान कश्मीर में आतंकी हमले कराएगा ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस बात का शोर मचा सके कि कश्मीर को संभालने में भारत नाकाम है और कश्मीर मुद्दा का अंतरराष्ट्रीयकरण किया जा सके.
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