नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन 16वें दिन भी जारी है. इस बीच खुफिया एजेंसियों ने सरकार को एक रिपोर्ट भेजी है. इस रिपोर्ट में किसान आंदोलन के हाईजैक होने की बात कही गई है. दरअसल, रिपोर्ट में कहा गया है कि अल्ट्रा-लेफ्ट नेताओं और प्रो-लेफ्ट विंग ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि असामाजिक तत्व किसानों को हिंसा, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाने की योजना बना रहे हैं.
इस मामले पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि टुकड़े-टुकड़े गैंग किसान आंदोलन को ओवरटेक करने में लगा है. यह एक भयावह तरीका है. शायद इन्हीं लोगों की वजह से सरकार और किसानों की बातचीत बार-बार फेल हो रही है. ये लोग राष्ट्र की संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं.
बता दें कि किसान आंदोलन के बीच गुरुवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई थी. आरोप लगाया गया है कि इन सभी को झूठे केसों में अंदर डाला गया है, ऐसे में सरकार को इन्हें तुरंत रिहा करना चाहिए.
हालांकि, कई किसान नेताओं ने इस पोस्टर की जानकारी होने से इनकार किया. वहीं, भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) के नेता झंडा सिंह का कहना है कि ये सिर्फ हमारे संगठन की ओर से पोस्टर लगाए गए थे. ये सभी बुद्धिजीवी हैं और हमारी मांग है कि जिन बुद्धिजीवियों को जेल में डाला गया है, उन्हें रिहा किया जाए.
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के लोग देख रहे हैं कि क्या चल रहा है. वामपंथियों-माओवादियों को देश में कहीं समर्थन नहीं मिल रहा, इसलिए वे किसानों के इस आंदोलन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे. वे अपने एजेंडा के लिए इस मंच का दुरुपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं.
वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की आड़ में कुछ 'असामाजिक तत्व' उनके आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं. उन्होंने आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से ऐसे तत्वों को अपने मंच का दुरूपयोग नहीं करने देने की अपील की.
ये भी पढ़ें-
किसान बंद करेंगे टोल प्लाजा और हाईवे, जानें- किसानों की आज की रणनीति क्या है?