मुंबई: महाराष्ट्र बीजेपी में विधानसभा चुनाव नतीजों को लेकर बखेड़ा शुरू हो गया है. चुनाव में पिछले बार के मुकाबले मिली कम सीटों के लिए दूसरी पार्टी से आए लोगों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने खुलेआम कहा कि दलबदलुओं के आने से बीजेपी की संस्कृति बिगड़ी है. उन्होंने बिना नाम लिए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी के निष्ठावान लोगों के बजाय बाहरी लोगों को टिकट दिए जाने से उन्हें ठेस पहुंची है.


पुणे के पास पिंपरी चिंचवड़ में एक समारोह के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मेगाभर्ती की वजह से बीजेपी की संस्कृति को नुकसान पहुंचा है.


मेगाभर्ती शब्द लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस और एनसीपी से बीजेपी में शामिल हुए लोगों के लिए किया जाता है. दलबदलुओं को बीजेपी में शामिल करने की रणनीति पर फण्डवीस की ही मानी जा रही है.


'दिल के करीब नेताओं को दिया गया टिकट'


पाटिल ने कहा कि चुनाव के टिकट दिये जाते वक्त पार्टी के करीब नेताओं के बजाए दिल के करीब रहे नेताओं को ज्यादा तरजीह दी गई. हालांकि उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि उनका कटाक्ष पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर था.


उम्मीदवारों को चुनने में देवेंद्र फडणवीस की चली थी. कई सारे ऐसे दिग्गज नेताओं के टिकट काट दिए गए थे जो आने वाले वक्त में उनके विरोधी बन सकते थे. ऐसे नेताओं में विनोद तावड़े, एकनाथ खडसे और चंद्रशेखर बवनकुले का नाम प्रमुख हैं.


कई नेताओं का काटा गया था टिकट


चुनाव में टिकट बंटवारे के दौरान कई पुराने और निष्ठावान नेता जैसे प्रकाश मेहता और राज के पुरोहित के भी टिकट काट दिए गए. चुनाव नतीजा आने के बाद एकनाथ खडसे ने खुलकर देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा था और फडणवीस पर खुद को साइडलाइन करने का आरोप लगाया था. उन्होंने इसकी शिकायत बीजेपी के आला नेतृत्व से भी की थी. परली से हारने वाली बीजेपी के उम्मीदवार पंकजा मुंडे भी फडणवीस से नाराज बताई जा रही थीं.


2014 विधनासभा चुनाव में बीजेपी को 122 सीटें मिली थी लेकिन बीते चुनाव में विधायकों की संख्या घटकर 105 रह गई. शिवसेना के साथ ना आने की वजह से बीजेपी सरकार नहीं बना सकी क्योंकि बहुमत के लिए 145 सीटें चाहिए थी.


20 बड़े नेता बीजेपी में हुए थे शामिल


चुनाव से पहले कांग्रेस और एनसीपी जैसी पार्टियों से करीब 20 बड़े नेता बीजेपी में शामिल हुए थे जिनमें से 15 को टिकट दिया गया था. इन 15 में से 12 उम्मीदवार जीते थे. माना जाता है इन तमाम दलबदलू नेताओं को फडणवीस की ओर से बनाई गई रणनीति के तहत बीजेपी में लाया गया था.


अब खबर आ रही है कि दल बदल कर कांग्रेस और एनसीपी से बीजेपी में शामिल हुए नेता फिर से एक बार अपनी पुरानी पार्टियों में जाने का मन बना रहे हैं. यहां सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और एनसीपी इन्हें फिर से वापस लेंगे?


दूसरी ओर चंद्रकांत पाटिल का बयान ये संकेत देता है कि महाराष्ट्र बीजेपी में फडणवीस के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है और आने वाले वक्त में फडणवीस को पार्टी के भीतर अपना कद बनाए रखने में दिक्कत हो सकती है.


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