Delhi Election: दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस में 'कहीं खुशी तो कहीं गम''
दिल्ली विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस पार्टी के अंदर अब विरोध के सुर तेज होने लगे हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार दो बार ज़ीरो पर आउट होने के बाद कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाते दिख रहे हैं. इसकी शुरुआत दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको के बयान से हुई. पीसी चाको ने कहा कि जब दिल्ली में शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं तभी कांग्रेस का सारा वोट आम आदमी पार्टी (आप) में चला गया.
चुनाव परिणाम के बाद पीसी चाको ने कहा, ''जब शिला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं उसी समय कांग्रेस का सारा वोट आम आदमी पार्टी में चला गया था'' पार्टी नेता के इस बयान के बाद कांग्रेस के कई नेता सामने आए और शीला दीक्षित का बचाव किया. मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मीलिद देवड़ा ने कहा, ''शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री रहते हुए पूरी दिल्ली को बदला और अब वो हमारे बीच नहीं हैं तो ऐसे में उनको दोष देना दुर्भाग्यपूर्ण है.''
With due respect sir, just want to know- has @INCIndia outsourced the task of defeating BJP to state parties? If not, then why r we gloating over AAP victory rather than being concerned abt our drubbing? And if ‘yes’, then we (PCCs) might as well close shop! https://t.co/Zw3KJIfsRx
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) February 11, 2020
इतना ही नहीं जब कांग्रेस के बड़े नेता पी चिदंबरम ने आम आदमी पार्टी को जीत की बधाई दी और बीजेपी को नसीहत दी कि तोड़ने की राजनीति को दिल्ली की जनता ने नकार दिया तो उसपर दिल्ली की नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने चिदंबरम को कड़ा जवाब दिया है.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, ''बीजेपी हारी है. आप इस बात पर तो ख़ुश हो सकते हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन पर गहन चिंतन की ज़रूरत है.'' बता दें कि चुनाव में कांग्रेस पार्टी एक भी सीट लाने में नाकामयाब रही है. इसके बाद से पार्टी के कुछ नेता मुखर होकर बोल रहे हैं.
पीसी चाको के प्रभारी हुए कांग्रेस पार्टी दिल्ली में दो विधानसभा चुनाव, एक नगर निगम चुनाव और एक लोकसभा चुनाव हार चुकी है. खबर ये भी है कि पांच साल तक दिल्ली का प्रभारी रहने के बाद वह प्रदेश में संगठन खड़ा करने में कामयाब नहीं हुए.
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