कर्नाटक बीजेपी में अंतर्कलह और राज्य के मुख्यमंत्री को हटाने जाने की जोर पकड़ती मांगों के बीच सीएम येदियुरप्पा ने शुक्रार को साफ किया कि इसमें किसी तरह का कोई राजनीतिक कन्फ्यूजन नहीं है. उन्होंने कहा कि एक या दो लोग मीडिया में बोलते हैं, जिसे बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जाता है. उन्होंने कहा कि वे लोग शुरुआत से ही ऐसा कर रहे हैं. यहां तक कि पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी अरूण सिंह ने भी उनसे मुलाकात नहीं की ऐसे में कोई कन्फ्यूजन नहीं है. कोई कैबिनेट के सदस्य दुखी नहीं है.
येदियुरप्पा बोले- पार्टी हाईकमान करेगा फैसला
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि कि अगर कोई मुद्दा है तो हम उस पर चर्चा करेंगे और 2-3 सदस्यों को शक का निवारण करेंगे. मैं बीजेपी विधान पार्षद एएच विश्वनाथ के ऊपर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता हूं. हमारा हाईकमान उनके खिलाफ फैसला करेगा. इससे पहले, कर्नाटक में भाजपा में कलह बढ़ने और मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को हटाने की अटकलों के बीच प्रदेश के लिए पार्टी के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने गुरुवार को विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की.
सिंह ने ऐसा प्रदर्शित करने का प्रयास किया कि पार्टी एकजुट है और कुछ असंतुष्ट विधायक सरकार और उसके नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने ऐसे नेताओं को गंभीर नतीजे के प्रति चेताया है और कहा कि उनके आचरण से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है और लाखों कार्यकर्ताओं को धक्का लगा है.
येदियुरप्पा को हटाने की उठ रही मांग
विधान पार्षद ए एच विश्वनाथ ने सरेआम येदियुरप्पा को हटाने की मांग की और मुख्यमंत्री के छोटे बेटे बी वाई विजयेंद्र पर भ्रष्टाचार और प्रशासन में दखल देने के आरोप लगाए. इस पर मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव एम पी रेणुकाचार्य और एस आर विश्वनाथ ने तीखी प्रतिक्रिया दी. बी वाई विजयेंद्र भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. विधायक अरविंद बेल्लाड के फोन टैप कराने संबंधी बयान भी भाजपा के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गए हैं.
अरूण सिंह कर रहे पार्टी विधायकों से मुलाकात
राज्य के अपने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन 40 से ज्यादा विधायकों से अलग-अलग मुलाकात करने वाले अरूण सिंह ने नेतृत्व मुद्दे पर विधायकों के साथ बात किए जाने से इनकार किया और जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं और विधायकों के कामकाज पर खुशी जतायी. कुछ असंतुष्ट विधायकों द्वारा दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि हर किसी को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनका आचरण पार्टी को नुकसान पुहंचाने वाला ना हो.
सिंह ने कहा, ‘‘महज दो या तीन लोग लाखों कार्यकर्ताओं को चोट पहुंचा रहे हैं और पार्टी की छवि को नुकसान हो रहा है...हम इस पर नजर रख रहे हैं, हम उनके साथ बात करेंगे और अगर चीजें जारी रहेंगी तो जरूरी होगा वह करेंगे. क्या करना है, इस बारे में मीडिया के सामने बताने की जरूरत नहीं है.’’
अपने बयानों से पार्टी की फजीहत कराने वाले विधान पार्षद एच विश्वनाथ ने सिंह से मुलाकात के बाद कहा कि दूसरे दलों की तरह भाजपा में भी ‘‘वंशवाद की राजनीति’’ हो रही है और उन्होंने येदियुरप्पा को ‘मार्गदर्शक’’ बन जाने और दूसरों के लिए रास्ता खाली करने की सलाह दी. उन्होंने विजयेंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार और प्रशासन में हस्तक्षेप करने के भी आरोप लगाए. प्रदेश भाजपा महासचिव एन रवि कुमार ने इन बयानों को खारिज कर दिया और विधान पार्षद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
भाजपा विधान पार्षद ने 21,473 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को पद से हटाने की मांग कर करने वाले भारतीय जनता पार्टी के असंतुष्ट विधान पार्षद ए एच विश्वनाथ ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग ने 21,473 करोड़ रुपये की निविदा को बिना वित्तीय मंजूरी के, जल्दबाजी में तैयार किया और इसमें घोटाला हुआ है.
उन्होंने येदियुरप्पा के बेटे और प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र पर सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया. विश्वनाथ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “सिंचाई विभाग में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ठेका तैयार किया गया जो भद्रा अपर नहर परियोजना और कावेरी सिंचाई परियोजना से संबंधित है. (वित्त विभाग से) कोई वित्तीय मंजूरी नहीं ली गई, बोर्ड की कोई बैठक नहीं हुई. यह जल्दबाजी में किया गया.”
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