नई दिल्ली: हरियाणा कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव घोषणापत्र के लिए आम लोगों से सुझाव मांगे हैं. हालांकि आंतरिक गुटबाजी ने यहां भी पार्टी का पीछा नहीं छोड़ा. इस खबर में पहले आपको घोषणापत्र को लेकर आम लोगों से की गई अपील बताते हैं और फिर इस पर हुई दिलचस्प राजनीति.


कांग्रेस पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया पर अपील की गई है कि "विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी अपना घोषणापत्र तैयार करने जा रही है. हमारे मुद्दे वही हैं जो जनता के मुद्दे होते हैं. हम हरियाणा की जनता से अपील करते हैं कि वो कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र के लिए अपने सुझाव हमें भेजें."


शुक्रवार शाम कांग्रेस ने हरियाणा के लिए घोषणापत्र कमिटी गठित की. संभावना के अनुसार ही विधायक दल की नेता रहीं किरण चौधरी को घोषणापत्र कमिटी की कमान दी गई है.


घोषणापत्र के सुझाव के लिए एक ई मेल और एक व्हाट्सएप नम्बर जारी किया गया है जिस पर लोग अपने सुझाव दे सकते हैं. ई मेल है: hpccmanifesto@gmail.com और व्हाट्सएप नम्बर है : 8800617748. आपको बता दें कि इससे पहले भी कई राज्यों के विधानसभा चुनाव और बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र तैयार करने से पहले आम लोगों से सुझाव मांगे थे.


बहरहाल बात हरियाणा कांग्रेस की हो और रोजमर्रा की आंतरिक गुटबाजी सामने ना आए ऐसा कैसे हो सकता है. घोषणापत्र के लिए आम लोगों से सुझाव मांगने में एक दिलचस्प वाकया ये हुआ है कि इससे जुड़ी अपील के साथ पहले हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने गुरुवार शाम 6 बजे ट्वीट किया.



अपील के साथ शैलजा ने जो तस्वीर ट्वीट की उसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तस्वीर नहीं थी. लेकिन दो घंटों बाद ही हरियाणा कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट से ''घोषणापत्र के लिए सुझाव दें'' वाली ट्वीट में हुड्डा की तस्वीर लगी हुई थी.


पार्टी के अंदर के सूत्र बताते हैं कि टीम हुड्डा को ये अच्छा नहीं लगा कि घोषणापत्र वाली अपील में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तस्वीर नहीं लगाई गई है. दबाव बनने के बाद हुड्डा की तस्वीर लगाई गई.



वहीं हरियाणा कांग्रेस से जुड़े एक राष्ट्रीय नेता ने नाम ना बताने की शर्त पर चुटकी लेते हुए कहा कि "पार्टी के घोषणापत्र से पहले ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी पिछली रोहतक रैली में तमाम वादे और घोषणाएं कर चुके हैं. शायद इसलिए पहले उनकी तस्वीर घोषणापत्र से जुड़ी अपील में कुमारी शैलजा ने नहीं लगाई होगी. लेकिन दबाव की राजनीति करना कोई हुड्डा से सीखे."


आपको बता दें कि चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने हुड्डा के दबाव में प्रदेश अध्यक्ष बदला और अशोक तंवर की जगह कुमारी शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. किरण चौधरी को हटा कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाया गया था. इसके बाद से पार्टी के हर कार्यक्रम में शैलजा और हुड्डा की तस्वीर साथ-साथ लग रही है.