नई दिल्ली: भारतीय सेना इसी महीने से रूस में होने वाले इंटरनेशनल आर्मी-गेम्स में हिस्सा लेने जा रही है. सेना की 101 सदस्य-दल की एक टुकड़ी सैन्य-खेलों की अलग-अलग प्रतियोगिता में हिस्सा लेगी. ये गेम्स 22 अगस्त से 4 सितंबर के बीच रूस में होंगे.
भारतीय सेना के प्रवक्ता, कर्नल सुधीर चमोली के मुताबिक, इन प्रतियोगिताओं में उच्च पर्वतीय क्षेत्र, बर्फ़ के बीच सैन्य कार्रवाई, स्नाइपर फायरिंग, बाधायुक्त मार्ग में कॉम्बैट इंजीनियरिंग कौशल, आर्मी स्काउट मास्टर्स प्रतियोगिता (एएसएमसी), एल्ब्रस रिंग, पोलर स्टार इत्यादि गेम्स शामिल हैं. इसके अलावा सेना का दल ओपन वाटर और फाल्कन हंटिंग गेम्स के लिए दो पर्यवेक्षकों (दोनों खेलों में एक-एक) का भी योगदान देगा, जिसमें भाग लेने वाली टीमों द्वारा पोंटून ब्रिज बिछाने और यूएवी-ऑपरेशन का प्रदर्शन किया जाएगा.
सेना के विभिन्न अंगों में से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को चुना गया है
भारतीय सेना द्वारा जारी बयान में बताया गया कि स्क्रीनिंग के तीन स्तरों के बाद ही सेना के विभिन्न अंगों में से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को चुना गया है. इन वार्षिक खेलों में भाग लेना विश्व की सेनाओं के बीच भारतीय सेना के पेशेवराना स्तर का प्रतिबिंब है. यह प्रतियोगिता भाग लेने वाले देशों की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का उपयोग कर दूसरे देशों की सेनाओं से सहयोग में भी बढ़ावा देती है.
साल 2019 में हुई प्रतियोगिता में भारत आठ देशों में पहले स्थान पर आया था
गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2019 में राजस्थान के जैसलमेर में हुई आर्मी स्काउट्स मास्टर प्रतियोगिता में भारत आठ देशों में पहले स्थान पर आया था. आपको बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए ट्रैक एंड फील्ड में पहली बार गोल्ड मेडल लाने वाले नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर हैं. भारतीय सेना ने मिशन ओलंपिक के तहत सूबेदार नीरज चोपड़ा सहित कुल 20 खिलाड़ियों को टोक्यो ओलंपिक के लिए खास तौर से ट्रैनिंग दी थी. उसी का नतीजा है कि भारत को पहली बार जैवलिन में गोल्ड मेडल हासिल हुआ है.
यह भी पढ़ें.
भावुक पल: जब नीरज चोपड़ा ने माता-पिता को पहनाया अपना गोल्ड मेडल