नई दिल्ली: डीजीसीए ने पहले से रद्द चल रही सामान्य अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को अब 15 जुलाई तक के लिए रद्द कर दिया. हालांकि सिविल एविएशन मंत्री हरदीप सिंह पुरी पहले ही ये कह चुके थे कि सामान्य अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें 15 जुलाई के आस-पास शुरू हो पाएंगी.
क्यों रद्द किया गया 15 जुलाई तक?
हरदीप सिंह पुरी ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि हम अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए पूरी तरह तैयार हैं लेकिन मजबूरी ये है कि दुनिया के अलग अलग देशों ने अपने एयर-स्पेस पर अलग-अलग तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं. फ़िलहाल किसी भी देश ने अपने एयर स्पेस को बाहरी देशों के सामान्य नागरिकों वाली उड़ानों के लिए फ़्री नहीं किया. यही कारण है कि हमारे पास दूसरे देशों में हालात ठीक होने का इंतज़ार करना पड़ेगा.
कौन से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान रूट होते हैं सबसे व्यस्त?
नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि अमेरिका और यूरोप सबसे अधिक व्यस्त रूट हैं. इनके बाद मिडिल ईस्ट देशों के रूट भी बेहद व्यस्त रूट हैं. लेकिन यहां पड़ने वाले सभी देशों ने अभी सामान्य अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए अभी अपनी सीमाएं नहीं खोली हैं.
घरेलू उड़ानों के दूसरे फ़ेज का है इंतज़ार
25 मई से देश में सामान्य घरेलू उड़ानों के फ़ेज-1 को शुरू कर दिया गया है जिसमें विभिन्न एयर लाइंस की सिर्फ़ 33 फीसदी क्षमता को इजाज़त दी गई है. इस 33 फीसदी में भी फ़िलहाल 75 फीसदी सीटें भर रही हैं. डीजीसीए का कहना है कि जैसे ही घरेलू उड़ानों में डिमांड बढ़ेगी वैसे ही हम घरेलू उड़ानों का फेज़-2 शुरू करते हुए इस 55 फीसदी तक ले जाएंगे. सम्भवतः 15 जुलाई से पहले घरेलू उड़ानों का फ़ेज़-2 शुरू हो जाएगा.
सामान्य अंतराष्ट्रीय उड़ाने भी अलग-अलग फ़ेज में शुरू होंगी
डीजीसीए के मुताबिक़ सामान्य अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का भी पहले सीमित क्षमता के साथ फ़ेज-1 शुरू किया जाएगा. फिर डिमांड के साथ इसे बढ़ाया जाएगा. कोरोना संकट का ख़्याल रखते हुए ये सावधानी बरती जा रही है.
वन्दे भारत मिशन और चार्टर फ़्लाइट चलती रहेंगी
डीजीसीए ने साफ़ किया है कि वन्दे भारत मिशन के तहत चल रही अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने चलती रहेंगी. इसके साथ ही गृह मंत्रालय के की इजाज़त लेने की शर्त के साथ चल रही चार्टर उड़ान सेवा भी चलती रहेगी.
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