Deepak Dhirajlal Thakkar Arrested: गुजरात के मोस्ट वांटेड सट्टेबाज दीपक धीरजलाल ठक्कर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई शहर में गिरफ्तार किया गया है. मूल रूप से बनासकांठा के डिसा का रहने वाला दीपक ठक्कर दुबई में रहता था और भारत में सट्टेबाजी रैकेट चलाता था. ठक्कर अहमदाबाद समेत राज्य के कई शहरों में वांटेड है. सीबीआई ने इंटरपोल के जरिए पिछले साल उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था. नोटिस के जवाब में दुबई पुलिस ने ठक्कर को गिरफ्तार किया है.


दीपक ठक्कर को हिरासत में लेने के लिए गुजरात पुलिस दुबई गई है. ठक्कर के अलावा गुजरात का एक और सट्टेबाज को भी दुबई में पकड़ा गया है. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) के 'ग्लोबल ऑपरेश सेंटर' ने यूएई से दीपक ठक्कर को भारत लाने में बड़ी भूमिका निभाई है. वह एक इंटरनेशनल सट्टेबाजी रैकेट का मास्टरमांइड था. गुजरात पुलिस ने उसके ऊपर मुकदमे दर्ज किए हुए थे और उसे लंबे समय से आरोपी की तलाश थी. पुलिस ने ठक्कर को लेकर सीबीआई से संपर्क किया था. 


दीपक धीरजलाल ठक्कर पर क्या आरोप है?


द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, सट्टेबाज दीपक के खिलाफ अहमदाबाद के माधवपुरा पुलिस स्टेशन में 25 मार्च, 2023 को एक केस दर्ज किया गया था. दीपक ठक्कर पर आरोप है कि वह इंटरनेशनल सट्टेबाजी रैकेट चलाता था, जिसे स्पेशल सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के जरिए अंजाम दिया जाता था. उसने अपराध के जरिए 2273 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे को हवाला चैनलों के जरिए इधर से उधर करने का काम किया है. 


उसके ऊपर आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश, सबूतों को गायब करने और इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट एंड प्रीवेंशन ऑफ गैंबलिंग एक्ट से जुड़े अपराध करने का आरोप है. 


किस तरह पकड़ा गया आरोपी दीपक ठक्कर?


दीपक ठक्ककर को लेकर गुजरात पुलिस ने सीबीआई से संपर्क किया और उसे पकड़ने में मदद करने की गुजारिश की. इसके बाद सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ इंटरपोल से 15 दिसंबर, 2023 को रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया. आरोपी की लोकेशन और गिरफ्तारी के लिए सभी इंटरपोल सदस्य देशों के बीच नोटिस सर्कुलेट किया गया. आखिर में आरोपी की लोकेशन दुबई में मिली. इसके बाद दुबई पुलिस को इस बात की जानकारी दी गई. 


पुलिस ने शहर में दीपक का पता लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. सीबीआई ने कहा, "गुजरात पुलिस के एक सुरक्षा मिशन ने संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की है और 1 सितंबर को आरोपी के साथ लौट रहा है.." सीबीआई भारत में इंटरपोल के लिए नेशनल सेंट्रल ब्यूरो के तौर पर काम करती है, यानी कि हर जानकारी सीबीआई ही इंटरपोल को देती है और ठीक यही काम इंटरपोल करता है. 


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