दुनियाभर में 21 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाएगा. कल्चरल डाइवर्सिटी को प्रोमोट करने के लिए इस दिन को खासतौर पर मनाया जाता है. यूनिस्को के द्वारा 20 साल से भी अधिक समय से अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस मनाया जा रहा है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भाषा में विविधता को बढ़ावा देना है.


दुनिया में करीब 7 हजार भाषाएं बोली जाती हैं. भारत में भी मुख्य तौर पर 22 भाषाएं बोली जाती हैं. अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के दिन हम अपने मातृ भाषा को विस्तार से जानते-समझते हैं. इस दिन दुनियाभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर शिक्षा और साहित्य से जुड़े लोग विभिन्न भाषाओं को लेकर चर्चा करते हैं. साथ ही साथ किसी भी भाषा को सरल और सुगम बनाने के लिए अपनी राय भी दे देते हैं. इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में विशेष रूप से लेखन प्रतियोगिता भी कराई जाती है.


जानिए अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर क्या होता है खास 


मदर लैंग्वेज की मदद से ना सिर्फ रीजनल लैंग्वेज के बारे में जानने-समझने में सहूलियत मिलती है बल्कि एक दूसरे से बातचीत करना भी आसान बन जाता है. अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर एक दूसरे से अपनी मातृ भाषा में भी बात करते नजर आते हैं. इस दिन को उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. इस जगह सेमिनार का भी आयोजन किया जाता है.


मिलकर काम कर रहे कई बड़े देश 


भाषा की विविधता को विस्तार से जानने के लिए कई देशों ने इस इस विषय पर मिलकर काम करने का भी फैसला लिया है. इसके तहत अब एक क्षेत्र का व्यक्ति, दूसरे क्षेत्र के व्यक्ति की मातृ भाषा को ना सिर्फ जान पाएगा बल्कि सीख भी सकेगा. बता दें कि भारत सहित कई बड़े देशों में भाषा को सरल और सुगम बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं भी तैयार की जा रही है. वहीं, विश्वविद्यालयों में भी भाषा को लेकर नए कोर्सेज तैयार किए जा रहे हैं, ताकि छात्रों को विभिन्न भाषाओं की जानकारी मिल सके.


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