नई दिल्लीः खूबसूरत पहाडियां प्रकृति का एक अनमोल तोहफा हैं. पहाडियों को खूबसूरती इंसान प्रकृति के करीब लाती हैं. बहुत से लोगों का जीवन-यापन भी इन पर टिका होता है. इन लोगों की समस्याओं को समझने और समृद्ध जैव विविधता के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 11 दिसंबर को दुनियाभर में इंटरनेशनल माउंटन डे (International Mountain Day) मनाया जाता है. हर साल इसकी थीम भी रखी जाती है.
इंटरनेशनल माउंटन डे बनाने की पीछे वजह पर्वतों का संरक्षण,जलवायु परिवर्तन, इनके विकास और संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना है. वनों के नष्ट होने, पहाड़ों को लगातार काटे जाने जैसी चीजों पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया जाता है जिससे कि लोग पर्वतों के प्रति अपने दायित्वों को समझ सकें.
2002 में पहली बार घोषित किया गया था इंटरनेशनल माउंटन डे
इंटरनेशनल माउंटन डे के लिए पहली बार 1992 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से एक प्रस्ताव सामने आया था. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2002 को संयुक्त राष्ट्र इंटरनेशनल माउंटन डे घोषित किया. फिर 11 दिसंबर 2003 से इंटरनेशनल माउंटन डे मनाया जाने लगा. संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल एक विषय भी तय करती है जिस पर सभी देश काम करते हैं.
हर साल अलग होती है थीम
इंटरनेशनल माउंटन डे की हर साल थीम अलग-अलग होती है. इस बार थीम 'पर्वतीय जैव विविधता' रखी गई है. थीम पर विभिन्न संगठनों की ओर से प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह दिन विशेष होता है. इसे यहां के बड़े उत्साोह से मनाते हैं.
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