International Tiger Day 2023: दुनिया भर में शनिवार (29 जुलाई) को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया गया. इसकी शुरूआत 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग से हुई थी. जहां कई देशों ने बाघ को बचाने का वैश्विक लक्ष्य रखा था. बाघों को बचाने में भारत का भी बड़ा योगदान रहा है. आज दुनिया में सबसे ज्यादा टाइगर भारत में पाए जाते हैं.
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर कहा कि भारत में 3100 से ज्यादा बाघों की संख्या प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता अपने आप बयां करती है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत में 3,100 से ज्यादा बाघों के साथ, प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता खुद बयां करती है. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर, आइए हम इकोसिस्टम की रक्षा करने का संकल्प लें.
प्रोजेक्ट टाइगर को दिया श्रेय
पर्यावरण मंत्री के ट्वीट का जवाब देते हुए, स्मृति ईरानी, जो महिला एवं बाल विकास मंत्री भी हैं, ने कहा कि वास्तव में बड़ी सफलता है. भारत का प्रोजेक्ट टाइगर हमारी भूमि में पनप रहे 3100 से ज्यादा बाघों के साथ हमारे वन्यजीवों के पोषण और संरक्षण के अथक प्रयासों का एक ज्वलंत उदाहरण है. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर, हम इनकी सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं.
भारत में सबसे ज्यादा टाइगर किस राज्य में?
2022 की बाघ जनगणना के अनुसार, भारत में 3167 बाघ हैं, जो वैश्विक संख्या का लगभग 75 प्रतिशत है. भारत में बाघों की सबसे बड़ी आबादी मध्य प्रदेश में है. जहां इस समय 785 टाइगर हैं. इसके बाद कर्नाटक का नंबर आता है जहां बाघों की संख्या 563 है. इस लिस्ट में चौथे नंबर पर उत्तराखंड है जहां 560 टाइगर हैं और पांचवे नंबर पर महाराष्ट्र है. जहां 444 टाइगर हैं.
इन टाइगर रिजर्व में बाघों की ज्यादा आबादी
टाइगर रिजर्व की बात करें तो उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट में सबसे ज्यादा टाइगर हैं. यहां 260 बाघ हैं. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कहा कि इसके बाद बांदीपुर (150), नागरहोल (141), बांधवगढ़ (135), दुधवा (135), मुदुमलाई (114), कान्हा (105), काजीरंगा (104), सुंदरबन (100), ताडोबा (97), सत्यमंगलम (85), और पेंच-एमपी (77) हैं.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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