International Women's Day 2019: महिला दिवस पर हर साल महिलाओं के सामाजिक योगदान और उनकी सफलताओं की कहानियां लोगों को बताई जाती हैं. इस दिन महिलाओं के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और उन्हें सम्मानित किया जाता है, लेकिन हम यहां आपको ये सब नहीं बता रहे हैं. इस महिला दिवस हम आपको एक वीरांगना के बारे में बता रहे हैं. हम आपको बता रहे हैं कि पति के वतन की रक्षा में शहीद हो जाने के बाद कैसे जी रही हैं उनकी साहसी पत्नी. यहां हम बता रहे हैं कि कैसे शहीद रतन का तीन साल का बेटा कहता है कि मैं भी बड़े होकर फौजी बनूंगा.


पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. इसमें बिहार के भागलपुर के सीआरपीएफ जवान रतन कुमार ठाकुर भी थे. पुलवामा आतंकी हमले को 21 दिन बीत चुके हैं और आज भी शहीद रतन कुमार की वीरांगना राजनंदिनी की आंखों से आंसू नहीं सूखे हैं. पति को खोने का गम उनकी आंखों को अनायास ही नम कर देता है.


राजनंदिनी का एक तीन साल का बेटा है जिसका नाम कृष्णा है. दूसरा बच्चा अभी राजनंदिनी के गर्भ में पल रहा है. तीन साल के कृष्णा को अभी ये नहीं पता कि उसके पापा अब कभी लौट के नहीं आएंगे. वह कहता है कि पापा ड्यटी पर गए हैं. पूछने पर कृष्णा कहता है कि वह भी बड़ा होकर फौजी बनेगा. इस छोटे बच्चे के जुबान से जब ये शब्द निकलता है तो सुनने वालों का सीना भी गर्व से चौड़ा हो जाता है.


International Women's Day 2019: जानिए क्यों मनाया जाता है महिला दिवस, क्या है इसके पीछे की कहानी

शहीद रतन ठाकुर की कमी से पूरा घर सुनसान है और उनकी यादों के सहारे जीवन गुजारने को घर में बुजुर्ग पिता, एक भाई, दो बहनें और पत्नी हैं. पिता को बर्बस बेटे की याद आ जाती है और इसके बाद वो रतन की तस्वीर के सामने खड़े हो जाते हैं.



इस तस्वीर को निहार के ही शहीद जवान के परिवार के लोग अब खुद को दिलासा देते हैं. परिवार के लोग अभी भी बेसुध हैं. पत्नी राजनंदिनी पति के गम में डूबी रहती हैं. उनकी जुबां पर शब्द आने से पहले ही टूट जाते हैं.


यह भी पढ़ें-


ISRO देगा स्कूली बच्चों को ट्रेनिंग, यहां जानें इसके लिए कैसे होगा स्टूडेंट का चयन

Maruti Suzuki ने बंद की जिप्सी की बिक्री, कभी गुंडों को पकड़ने के लिए पुलिस की सबसे पसंदीदा गाड़ी थी

बीजेपी नेताओं की मांग- कानपुर की रैली में 'लकी कुर्सी' पर बैठें पीएम मोदी 

देखें वीडियो-